टर्म-1 रिजल्ट का इंतजार बढ़ा रही स्कूलों-छात्रों की बेचैनी
सीबीएसई ने एमसीक्यू यानी बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित टर्म-1 परीक्षा और मूल्यांकन साथ-साथ कराने की व्यवस्था की थी। लेकिन परीक्षार्थियों की बजाय स्कूलों की चीटिंग से परेशान सीबीएसई को टर्म-1 परीक्षा के दौरान ही तरह-तरह सुधारात्मक व सुरक्षात्मक कदम उठाने पड़े।
मेरठ, जेएनएन। सीबीएसई ने एमसीक्यू यानी बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित टर्म-1 परीक्षा और मूल्यांकन साथ-साथ कराने की व्यवस्था की थी। लेकिन परीक्षार्थियों की बजाय स्कूलों की 'चीटिंग' से परेशान सीबीएसई को टर्म-1 परीक्षा के दौरान ही तरह-तरह सुधारात्मक व सुरक्षात्मक कदम उठाने पड़े। यह बदला परीक्षा और मूल्यांकन दोनों में किए गए। अंत में कुछ विषयों का मूल्यांकन सीबीएसई ने क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर कराए। सीबीएसई की योजना के अनुसार मध्य जनवरी तक टर्म-1 का रिजल्ट जारी हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब तक कोई सूचना भी जारी नहीं की गई है। इससे स्कूलों और परीक्षार्थियों में बेचैनी बढ़ती जा रही है।
छात्रों के आधे रिजल्ट पर पूरी तैयारी का खाका
टर्म-1 में 50 प्रतिशत सिलेबस होने से छात्रों का आधा बोर्ड परीक्षा हो चुका है। छात्रों को टर्म-1 के रिजल्ट का इंतजार इसलिए भी है क्योंकि उसी के अनुरूप वह टर्म-2 परीक्षा की तैयारी की रूपरेखा तय करना चाहते हैं। टर्म-1 से ज्यादा और कम दोनों तरह की उम्मीद रखने वाले छात्र हैं। छात्रों का कहना है कि टर्म-2 की तैयारी में रफ्तार टर्म-वन के रिजल्ट को देखकर ही आएगी।
इसलिए अधिक बेचैन हैं स्कूल
टर्म-1 परीक्षा में सीबीएसई ने भले ही स्कूलों पर भरोसा जताया लेकिन स्कूलों ने उस भरोसे को कायम नहीं रखा। सीबीएसई स्कूलों में सीसीटीवी नहीं लगे होने से छात्रों को परीक्षा कक्ष में एमसीक्यू प्रश्नों के उत्तर लिखकर व बोलकर बताए गए। कुछ स्कूलों में छात्रों द्वारा ओएमआर में भरे गए उत्तर को अदला-बदला गया। परीक्षा के बाद तुरंत मूल्यांकन व ओएमआर भेजने में विलंब किया गया। सीबीएसई ने इन हरकतों को पकड़ा और बदलाव के निर्देश दिए। अब सीबीएसई केवल क्षेत्रीय कार्यालयों के ओएमआर ही नहीं बल्कि स्कूलों द्वारा भेजे गए मूल्यांकित ओएमआर का भी मूल्यांकन कर रहा है।
फरवरी प्रथम सप्ताह में रिजल्ट की उम्मीद
मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स के सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार केंद्र सरकार के कोविड निर्देश के अनुरूप सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालयों में एक जनवरी से 50 प्रतिशत लोग ही एक दिन में काम कर रहे हैं। यह देरी का एक कारण हो सकता है। क्षेत्रीय कार्यालय में कुछ विषयों का ही मूल्यांकन हुआ है। उम्मीद है कि फरवरी प्रथम सप्ताह में टर्म-वन का रिजल्ट जारी हो सकता है।