मेरठ में सर्दियों में बढ़ते क्राइम के बीच अपराधियों की शरणस्थली बनीं झुग्गियां हटेंगी, बनाई गई यह रणनीति
Crime In Meerut मेरठ में मेरठ में बढ़ रहे अपराधों पर लगाम की कवायद है। पुलिस का दावा है कि शहर के नौ थानाक्षेत्रों में 2089 झुग्गी-झोपड़ी हैं जिनमें 4505 लोग रहते हैं। इनमें से जो झुग्गियां पिछले कुछ समय में बनी हैं उन्हें प्राथमिकता पर हटाया जाएगा।
अनुज शर्मा, मेरठ। Crime In Meerut शहर में सर्दी बढ़ते ही चोरी, लूट, छिनैती, नकबजनी आदि अचानक बढ़ जाते हैं। घटनाएं होती रहती हैं और इन्हें अंजाम देकर अपराधी भी गायब हो जाते हैं। ये जहां छिपते हैं उस स्थान की खोज पुलिस ने कर ली है। पुलिस का दावा है कि अपराध करके बदमाश शहर में बनी झुग्गियों में जाकर छिप जाते हैं। पुलिस ने अपराधियों की पनाहगाह इन झुग्गियों को हटाने का फैसला किया है। इसके लिए जिला प्रशासन से भी मदद मांगी गई है।
गोपनीय रिपोर्ट में दावा
पुलिस का दावा है कि शहर के नौ थानाक्षेत्रों में 2089 झुग्गी-झोपड़ी हैं जिनमें 4505 लोग रहते हैं। इनमें से जो झुग्गियां पिछले कुछ समय में बनी हैं उन्हें प्राथमिकता पर हटाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक नगर ने जिला प्रशासन और संबंधित नौ थानाध्यक्षों को गोपनीय रिपोर्ट और निर्देश भेजे हैं। इसमें उन्होंने बताया है कि सर्दी जैसे-जैसे बढ़ेगी उसी के साथ शहर में अपराध भी बढ़ जाता है। गोपनीय रिपोर्ट का दावा है कि झुग्गियों में रहने वालों में बड़ी संख्या में लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। पूर्व में भी तमाम घटनाओं में ये लोग शामिल मिले हैं।
एक-एक व्यक्ति का होगा सत्यापन, हटेंगी झुग्गियां
जिला प्र्रशासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में पुलिस अफसरों द्वारा इन झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों का सत्यापन करने, आधार कार्ड, फोटोयुक्त पहचानपत्र प्राप्त करके उनसे सत्यापन करने तथा पिछले कुछ समय में बनाई गई झुग्गी झोपडिय़ों को हटाने की योजना से अवगत कराया गया है। इसके लिए जिला प्रशासन से मजिस्ट्रेट और अन्य सहायता की मांग की गई है। थानाध्यक्षों को इन संदिग्ध लोगों के क्रियाकलापों पर सतर्क दृष्टि रखने का निर्देश दिया गया है।
कहां कितनी झोपड़ी और रहने वाले लोग
थाने का नाम झोपडिय़ां निवासी
लिसाड़ी गेट 2008 4000
परतापुर 01 01
टीपीनगर 01 15
लालकुर्ती 01 02
सिविल लाइंस 01 02
मेडिकल 50 250
नौचंदी 12 56
दौराला 01 04
कंकरखेड़ा 14 65
कुल 2089 4505
इनका कहना है
नागरिकों की सुरक्षा और अपराध पर अंकुश लगाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए जिला प्रशासन पुलिस का हर संभव सहयोग करेगा। सभी मजिस्ट्रेट को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
- के. बालाजी, जिलाधिकारी