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जिम में पसीना बहाइए, साथ-साथ बिजली भी बनाइए, मसल्‍स को पावर में बदलने का कमाल का आइडिया Meerut News

इंजीनियर आसिफ चौहान ने ऐसी कलाई कर्ल मशीन तैयार की है जिसपर एक्‍सरसाइज करके एक घंट में 70 वाट बिजली बना सकतेे हैंं। मसल्‍स को पावर में बदलने का यह आइडिया कमाल का है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 02:17 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 03:30 PM (IST)
जिम में पसीना बहाइए, साथ-साथ बिजली भी बनाइए, मसल्‍स को पावर में बदलने का कमाल का आइडिया Meerut News
जिम में पसीना बहाइए, साथ-साथ बिजली भी बनाइए, मसल्‍स को पावर में बदलने का कमाल का आइडिया Meerut News
मेरठ, [विवेक राव]। शरीर को छरहरा, सुंदर और मजबूत बनाने के लिए लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं। एक्सरसाइज के दौरान जिम में प्रयोग होने वाले उपकरण यदि बिजली भी पैदा करने लगें तो कैसा रहेगा। बेशक, यह बात आश्चर्यजनक लगे लेकिन मैकेनिकल इंजीनियर आसिफ चौहान इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। युवा इंजीनियर ने एक ऐसी कलाई कर्ल मशीन बनाई है, जिस पर एक्सरसाइज करते-करते हम बिजली भी पैदा कर सकते हैं। सोमवार को उन्होंने मशीन का पेटेंट कराया है। दिल्ली रोड स्थित इरा गार्डेन निवासी आसिफ ने बिजली पैदा करने वाली कलाई कर्ल मशीन में चार तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया है। मसल्स बनाने के लिए लोग जिम में रॉड पर वजन (सालिड वेट) टांगकर वेट लिफ्टिंग करते हैं। आसिफ ने सालिड वेट के स्थान पर अपोजिट फोर्स वाले स्प्रिंग का प्रयोग करते हुए इसे कर्ल मशीन से जोड़ दिया है। एक स्प्रिंग का फोर्स 18-20 किलो सालिड वेट के बराबर है। जरूरत के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है।
एक मशीन से 70 वाट बिजली
एक घंटे की एक्सरसाइज करने पर 70 वाट बिजली बनती है। इस तकनीक को आसिफ जिम के 27 अलग-अलग उपकरणों में इस्तेमाल करने जा रहे हैं। जिम में अगर 27 मशीनें एक साथ चलें तो एक घंटे में 1890 वाट बिजली पैदा की जा सकती है। आसिफ का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल कर पूरे देश में ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है। स्पोर्ट्स और जिम के उपकरणों में अलग से भार लटकाया जाता है, जो 30 से 150 किलो तक होता है। बाजार में इसकी कीमत 90 से 185 रुपये प्रति किलो तक होती है, जबकि कर्ल मशीन में जोड़े गए स्प्रिंग की कीमत मात्र 65 रुपये है। मशीन की कीमत जिम उपकरण से कम है। स्टार्टअप इंडिया से जुड़े आसिफ ने सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया। एमटेक के बाद कॉलेजों में शिक्षण किया लेकिन कुछ अलग करने की चाह में नौकरी छोड़ दी थी।

ऐसे करती है काम
कर्ल मशीन को दो अलग-अलग एलाय व्हील से जोड़ा गया है। मशीन के साथ छोटा जेनरेटर भी कनेक्ट किया है। कर्ल मशीन से जुड़ी स्प्रिंग को खींचने पर पहला व्हील 90 डिग्री पर घूमता है और इसके साथ ही दूसरा व्हील 360 डिग्री पर घूमने लगता है। लगातार इसे दोहराने पर मशीन से जुड़ा जेनरेटर बिजली पैदा करने लगता है।
कमाल का है आइडिया
आसिफ ने इस मशीन के पेटेंट की सूचना दी है। यह कमाल का है, मसल्स को पावर में बदलने का आइडिया। उसके छह पेटेंट फाइल हुए हैं। स्टार्टअप में इस तरह का प्रयोग सराहनीय है। जिला उद्योग केंद्र का इसमें पूरा सहयोग दिया जा रहा है। ताकि इस तरह के युवा अपने इनोवेशन को जमीन पर उतारकर उद्यमशीलता को आगे बढ़ा सकें।
- वीके कौशल, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र 

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