मेरठ में ऋषभ एकेडमी में चार करोड़ की हेराफेरी का आरोप, पढ़िए पूरा मामला
Rishabh Academy News ऋषभ एकेडमी मेरठ में प्रबंधन को लेकर मामला अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। यहां के पदाधिकारियों ने स्कूल में करीब चार करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए कप्तान के यहां पर शिकायत दर्ज कराई है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Rishabh Academy News मेरठ में ऋषभ एकेडमी में प्रबंधन को लेकर जैन समाज के प्रबुद्ध लोगों में चल रहा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। अब एक बार फिर स्कूल के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने वर्तमान पदाधिकारियों पर 14 महीने में स्कूल से करीब चार करोड़ रुपये की हेरा-फेरी करने का आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत की है। आरोप है कि वर्तमान समिति ने स्कूल पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है और फीस के पैसों का गबन कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार से श्री पाश्र्व जिनेंद्र शिक्षा परिषद के अंतर्गत स्कूल संचालन की अनुमति प्रदान किए जाने के आदेश को रद करने की मांग भी की है। शरद जैन का कहना है कि संजय जैन, अजय जैन, दिनेश चंद जैन और राजेंद्र कुमार जैन सर्राफ ने 21 सितंबर 2020 को स्कूल पर अवैध कब्जा किया और नौ नवंबर तक स्कूल का संचालन कर करीब चार करोड़ रुपये का गबन किया है।
रुपये गबन करने का आरोप सफेद झूठ: संजय जैन
समिति की ओर से मिली अनुमति पर स्कूल का संचालन कर रहे सीए संजय जैन का कहना है कि सभा के 60 में से 40 सदस्यों ने शिक्षण संस्थान चलाने के लिए समिति को मनोनीत किया है। सभी कागजातों की जांच के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने स्वीकृति प्रदान की है। डिप्टी रजिस्ट्रार को दिए गए फीस के विवरण तब के हैं, जब स्कूल में तीन हजार से अधिक बच्चे थे, अब 18 सौ से दो हजार बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि रुपये गबन करने का आरोप सफेद झूठ है। यदि सुबूत हों तो उसके आधार पर एफआइआर दर्ज कराएं और डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में शिकायत करें। संजय जैन का कहना है कि झूठे आरोप शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने हेतु किए जा रहे हैं, जिससे पूर्व सचिव रंजीत जैन को जेल से रिहा कराया जा सके।
ऋषभ एकेडमी प्रकरण : एसएसआइ नहीं, अब इंस्पेक्टर क्राइम करेंगे विवेचना
मेरठ कैंट में स्थित ऋषभ एकेडमी में रुपयों को लेकर पूर्व सचिव और अन्य पर आरोप के बाद सदर बाजार थाने में पिछले साल मुकदमा दर्ज हुआ था। पूर्व सचिव रंजित जैन को पुलिस ने जेल भी भेज दिया था। इस मामले की विवेचना एसएसआइ गौरव राणा कर रहे थे। जांच के दौरान सुनील कुमार जैन और मृदुल जैन के नाम भी प्रकाश में आए थे। आरोप है कि उनका नाम विवेचना में निकाल दिया गया। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। मामला एएसपी कैंट सूरज राय के पास पहुंचा तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए जांच एसएसआइ से हटाकर इंस्पेक्टर क्राइम सतेंद्र कुमार को स्थानांतरित कर दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में फिर से जांच की जाए और वादी के साथ ही अन्य लोगों से भी पूछताछ के बाद विवेचना जल्द पूरी की जाए। इसके साथ ही एएसपी ने एसएसआइ से स्पष्टीकरण भी मांगा है।