सहारनपुर में अखिल भारतीय संत समिति ने मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन का किया उद्घोष
सहारनपुर में अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में संतों ने मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन का उद्घोष किया। इस दौरान मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से किए कब्जे पर रोष प्रकट किया गया। कहा कि सरकारें इनका प्रबंधन तत्काल धर्माचार्यों को सौंप दें।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में मां कालिका सिद्ध पीठ के प्रांगण में आयोजित सम्मेलन में देश के कोने-कोने से पधारे संतों, महंतों, पीठाधीश्वरों, योगियों, आचार्य मंडलेश्वरों, महामंडलेशवरों, पंडितों, मठाधिपतियों, आचार्यों और सनातन धर्म के प्रकांड विद्वानों ने हिस्सा लिया। इस दौरान मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन का उद्घोष किया गया।
मठ-मंदिरों पर अवैध कब्जों पर जताया रोष
अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष एवं मां कालिका सिद्ध पीठ कालिका जी मंदिर के महन्त सुरेंद्र नाथ अवधूत महाराज ने राज्य सरकारों द्वारा मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से किए कब्जे पर रोष प्रकट किया। कहा कि सरकारें इनका प्रबंधन तत्काल प्रभाव से धर्म भक्त धर्माचार्यों को सौंप दें, वरना पूरे देश में इस आंदोलन कि चिंगारी आग की तरह फैल जाएगी।
'मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम'
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के चिदंबरम के नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केस में कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि मंदिरों पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं। एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।
सिद्धयोग मठ अखाड़े के बालयोगी आचार्य मंडलेश्वर अलख नाथ महाराज ने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म है तो देश है। सहारनपुर से सिद्ध योगमठ अखाड़े के महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने इसे अपनी अस्मिता और मान कि लड़ाई में सभी को तनमन-धन से अपना सहयोग देने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकारें हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ उनका आर्थिक शोषण भी करती हैं। सम्मेलन को स्वामी यतीन्द्र, श्री श्री 1008 बालकानन्दगिरि महाराज और अन्य कई प्रमुख संतों ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर समूहिक रूप से चेतनता की मशाल महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज, महन्त रवींद्र पुरी महाराज, श्री 1008 बालकानन्द गिरि महाराज, बाल योगी आचार्य मंडलेश्वर अलख नाथ महाराज ने प्रज्जवलित की। उपस्थित जनसमुदाय ने संघर्ष के जयघोष के साथ इसका अनुमोदन किया। संत कमल किशोर ने सभी संतों के हाथ लगवाकर चेतनता की मशाल को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। सम्मेलन मे महामंडलेश्वर हेत राम मित्तल, महामंडलेश्वर विपुल समाधिनाथ, महामंडलेश्वर सुरेन्द्र शर्मा, योगी मौनीनाथ, महामाई भक्त शिशुपालनाथ ने सभी आए संतों का स्वागत किया।