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Ajit Singh स्‍मृति शेष : शिक्षा के महत्व को जानते थे अजित सिंह, बागपत में दर्जनों स्कूलों में कराया था कमरों का निर्माण

अपने सियासी सफर में चौधरी अजित सिंह मंच से केवल राजनीति बातें ही नहीं करते थे बल्कि किसानों-मजदूरों और गरीबों को बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की नसीहत देने से भी नहीं चूकते थे। विशेषकर बागपत के लिए उन्‍होंने काफी काम करवाए थे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 11:52 PM (IST)
Ajit Singh स्‍मृति शेष : शिक्षा के महत्व को जानते थे अजित सिंह, बागपत में दर्जनों स्कूलों में कराया था कमरों का निर्माण
चौधरी अजित सिंह ने बागपत में लोगों की खुशहाली के अनेकों काम किए थे।

बागपत, जेएनएन। Tribute To Ajit Singh दुनिया की मशहूर आइटी कंपनी आइबीएम से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर अमेरिका से भारत लौटे स्व. चौ. अजित सिंह शिक्षा का महत्व जानते थे। शिक्षा के क्षेत्र में एक नहीं अनेक काम उन्होंने कराए जो विकास एवं खुशहाली के लिए मील का पत्थर साबित हुए। अपने सियासी सफर में चौधरी अजित सिंह मंच से केवल राजनीति बातें ही नहीं करते थे, बल्कि किसानों-मजदूरों और गरीबों को बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की नसीहत देने से भी नहीं चूकते थे। दिल्ली में अपने आवास पर मिलने आने वाले किसानों से पहले यही सवाल पूछते कि बच्चों को तो स्कूल भेज रहे हो ना...। वह खाली नसीहत ही नहीं देते थे, बल्कि मौका मिलने पर खुद भी आगे बढ़कर मदद करते थे।

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सांसद निधि से दिए 22 लाख रुपये

जमीन पर काम भी किए हैं। अजित सिंह ने बागपत के छपरौली में चौधरी चरण सिंह राजकीय बालिका महाविद्यालय व चौधरी चरण सिंह पुस्तकालय बनवाने का काम किया। बागपत में राजकीय कन्या इंटर कालेज की स्थापना कराई। गांव ढिकौली निवासी ओमबीर बताते हैं कि हमारे गांव के इंटर कालेज को डिग्री कालेज तक की मान्यता दिलाकर भवन निर्माण के लिए अपनी सांसद निधि से 22 लाख रुपये देने का काम चौ. अजित सिंह ने किया।पूर्व विधायक डा. अजय तोमर बताते हैं कि चौ. अजित सिंह ने 40 से ज्यादा स्कूल-कालेजों में अपनी सांसद निधि से कमरे, पुस्तकालय तथा अन्य निर्माण कराने को पैसा दिया। जनता वैदिक कालेज बड़ौत में स्टेडियम का निर्माण कराने समेत शिक्षा को बढ़ावा देने वाले अनेक काम उनके खाते में दर्ज हैं।

जब दिखाई थी दरियादिली

वर्ष 2009 में चौ. अजित सिंह रात को 11 बजे बड़ौत में जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेकर दिल्ली लौट रहे थे। राष्ट्रवंदना चौक बागपत पर पहले से कुछ कार्यकर्ता स्वागत के लिए खड़े थे, जिन्हें देखकर अजित सिंह ने गाड़ी रुकवाई। वहां बस के इंतजार में खड़े एक छात्र ने रालोद कार्यकर्ताओं से कहा कि मुझे अजित सिंह की गाड़ी में दिल्ली तक बैठा दो, क्योंकि अगले दिन सुबह सात बजे दिल्ली में परीक्षा देनी है। कार्यकर्ताओं ने छात्र की बात अनसुना कर दी, लेकिन अजित सिंह के कानों तक छात्र की आवाज पहुंच गई। उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मी दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रामबीर से कहा कि छात्र को गाड़ी में बैठा लीजिए। इस वाकिये के चश्मदीद ओमबीर ढाका बताते हैं कि चौ.अजित सिंह अनजान छात्र को पेपर देने के लिए दिल्ली छोड़कर आए थे।


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