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ये क्या, हवाई जहाज से प्रयाग कुंभ दर्शन का ख्वाब नहीं हो पाएगा पूरा

मेरठ से हवाई जहाज द्वारा प्रयाग कुंभ के दर्शन का शहरवासियों का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। चार मार्च को कुंभ का समापन होना है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:12 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 01:12 PM (IST)
ये क्या, हवाई जहाज से प्रयाग कुंभ दर्शन का ख्वाब नहीं हो पाएगा पूरा
ये क्या, हवाई जहाज से प्रयाग कुंभ दर्शन का ख्वाब नहीं हो पाएगा पूरा
मेरठ,जेएनएन। 18 सीटर हवाई जहाज से प्रयागराज कुंभ दर्शन के लिए जाने वालों का ख्वाब पूरा होना अब मुश्किल है। उच्च स्तर से दो टूक जवाब मिल गया है कि कोई भी विमान सेवा बिना बिड के शुरू नहीं होगी। वर्तमान में बिड की जो प्रक्रिया चल रही है यदि उसमें किसी कंपनी ने 18 सीटर विमान उड़ाने की रुचि दिखाई भी होगी तब भी कुंभ समापन (चार मार्च) तक उड़ान मुश्किल है।
कुंभ के समापन से पूर्व शुरुआत संभव नहीं
उड़ान-रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में मेरठ भी सम्मिलित हुआ है जिसके तहत टेंडर प्रक्रिया चल रही है। मेरठ के उड़ान योजना में सम्मिलित होते ही भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कोशिश शुरू कर दी थी कि प्रयागराज कुंभ समापन से पहले ही 18 सीटर विमान की हवाई सेवा शुरू कर दी जाए। उन्होंने यह भी कोशिश की कि जो कंपनी मेरठ के लिए रुचि दिखा रही है वह कंपनी अस्थाई इंतजाम करके उड़ान शुरू करे पर अब इसका जवाब अब नकारात्मक आया है। इसीलिए कुंभ के समापन से पूर्व हवाई जहाज से कुंभ दर्शन का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
फाइनेंशियल बिड 25 फरवरी को खोली जाएगी
डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि वह उच्चाधिकारियों के लगातार संपर्क में थे लेकिन अब जवाब यह मिला है कि बिना बिड के हवाई उड़ान शुरू नहीं हो सकती। यह विमान भले ही 18 सीटर के ही क्यों न हों। बात अगर बिड की प्रक्रिया के हिसाब से करें तो फाइनेंशियल बिड 25 फरवरी को खोली जाएगी। जिस कंपनी का इसमें चयन होगा उसे 27 फरवरी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगा। वैसे करार संबंधी पूरी प्रक्रिया मार्च के प्रथम सप्ताह तक ही पूरी हो पाएगी।
चार मार्च को हो रहा कुंभ का समापन
मान लिया जाए कि इस बिड में मेरठ के लिए जिस कंपनी का चयन हो उसने 18 सीटर विमान का भी विकल्प दिया हो और तत्काल सेवा शुरू करने में जुट जाए तब भी एक सप्ताह से अधिक का समय लगेगा, उधर चार मार्च को कुंभ का समापन हो रहा है। अस्थाई उड़ान के लिए भी फायर, सुरक्षा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम आदि स्थापित करने पड़ते हैं। ऐसे में 18 सीटर हवाई विमान से कुंभ दर्शन के लिए जाने का ख्वाब पूरा होना मुश्किल हो गया है।

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