दीपावली के बाद जहरीली हो गई हवा, एक्यूआइ 443 पर पहुंचा Bulandshahar News
दीपावली पर प्रतिबंधित होने के बाद भी जमकर आतिशबाजी की गई। इसके चलते ही हवा फिर से जहरीली हो गई। हवा में खतरनाक रसायन घुलने के कारण एक्यूआइ 443 पर पहुंच गया। हवा प्रदूषित होने बीमार और बुजुर्ग ही नहीं स्वस्थ लोगों की भी सांस फूल रही है।
बुलंदशहर, जेएनएन। दीपावली पर प्रतिबंधित होने के बाद भी जमकर आतिशबाजी की गई। इसके चलते ही हवा फिर से जहरीली हो गई। हवा में खतरनाक रसायन घुलने के कारण एक्यूआइ 443 पर पहुंच गया। हवा प्रदूषित होने बीमार और बुजुर्ग ही नहीं स्वस्थ लोगों की भी सांस फूल रही है।
अक्टूबर माह से बुलंदशहर समेत समूचे एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या बढ़नी शुरू हुई। इस माह में आठ नवंबर तक प्रदूषण चरम पर रहा। एक्यूआइ 499 तक रिकार्ड किया गया। इसके बाद एक्यूआइ गिरना शुरू हुआ और 300 तक आ गया लेकिन दीपावली बाद प्रदूषण ने 143 अंक की छलांग लगाई। रविवार सुबह आठ बजे जिले की हवा का एक्यूआइ 443 रिकार्ड किया गया। हवा में गंधक और पोटाश के साथ ही अन्य कई तरह के खतरनाक रसायन घुले हैं। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। बीमार और बुजुर्गों के साथ ही स्वस्थ व्यक्ति भी खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहा है। सबसे अधिक समस्या अस्थमा और सांस के रोगियों को हो रही है। वहीं दीपावली पर हुई आतिशबाजी ने ह्रदय रोगियों की दिक्कतें बढ़ाई रखीं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. चंद्रप्रकाश का कहना है कि दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी से हवा में प्रदूषण बढ़ा है। प्रदूषित हवा में स्वास्थ्य बिगड़ता है। इसलिए बीमार और बुजुर्ग लोग अगले कई दिन बहुत सावधानी बरतें। मार्निंगवाक बंद कर दें। ज्यादा दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आशुतोष चौहान का कहना है कि दीपावली पर हर साल प्रदूषण बढ़ता है। मौसम ठंडा होने के कारण हवा की रफ्तार धीमी होती है। अगले दिनों में हवा साफ हो जाएगी।