अवैध किताबों का कारोबार : गोदाम के भीतर मिले थे अग्रवाल पब्लिकेशन के बिल, अब पुलिस कसेगी शिकंजा Meerut News
मेरठ में अवैध किताबों के कारोबार में पुलिस की जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। आरोपितों संजीव और सचिन के गोदाम के भीतर अग्रवाल पब्लिकेशन के बिल मिले थे।
मेरठ, जेएनएन। करोड़ों के किताब प्रकरण में गोदाम के अंदर से अग्रवाल पब्लिकेशन के बिल मिले थे। पुलिस ने वाणिज्य कर विभाग से इस पब्लिकेशन की जानकारी मांगी है। ताकि पब्लिकेशन के मालिक को भी मुकदमे में आरोपित बनाया जा सके। उधर, आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर 82 सीआरपीसी के तहत दोनों के घर पर नोटिस चस्पा करने की तैयारी की जा रही है।
आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से बाहर
बीती 21 अगस्त को एसटीएफ और परतापुर पुलिस ने संयुक्त रूप से परतापुर और गजरौला में गोदामों पर छापा मारकर करोड़ों की अवैध किताब पकड़ी थी। साथ ही मोहकमपुर स्थित प्रिटिंग प्रेस से भी कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए थे। पुलिस ने मौके से शिवम, राहुल, आकाश और सुनील कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। भाजपा नेता संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता, कर्मचारी विकास त्यागी और नफीस खान पुलिस पकड़ से दूर बने हुए हैं। उनके गैरजमानती वारंट भी पुलिस ले चुकी है। आरोपितों का कोई पता नहीं चल रहा है।
दोनों के घरों पर चस्पा होगा नोटिस
ऐसे में पुलिस अब 82 सीआरपीसी के तहत संजीव और सचिन के घर पर नोटिस चस्पा करने की तैयारी कर रही है। ताकि 83 सीआरपीसी में दोनों के घर की कुर्की के लिए अर्जी कोर्ट में लगाई जा सके। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि संजीव और सचिन के गोदाम के अंदर से तीन पब्लिकेशन की बिल बुक मिली थी। टीएनएचके और एपीएम पब्लिकेशन दिल्ली के बारे में जानकारी मिल गई है। अग्रवाल पब्लिकेशन के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि पुलिस विवेचना में तथ्य जुटा रही है। एसटीएफ जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर मुकदमे में आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल करेगी।