मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी से सोना लुटते ही उड़ी ग्राहकों की नींद
मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी से सोना लूटने की वारदात के बाद देर रात तक कंपनी के अधिकारियों के पास ग्राहकों के पास फोन घनघनाते रहे। ग्राहक डरे हुए हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 12:52 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। जरूरतों को पूरा करने के लिए मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी सोने पर ऋण उपलब्ध कराती है। आपका बाजार स्थित ब्रांच से भी 600 से अधिक ग्राहकों ने गोल्ड लोन लिया है। कंपनी से 600 पैकेट लूटे जाने के बाद ग्राहकों में हड़कंप मच गया। देर रात तक कंपनी और अधिकारियों के फोन घनघनाते रहे। उन्हें डर है कि उनका सोना वापस मिल पाएगा या नहीं।
2.21 फीसद तक है ब्याज दर
मणप्पुरम फाइनेंस कंपनी 90 दिनों के लिए लोन उपलब्ध कराती है। यदि कोई 13 हजार रुपये लोन लेता है तो मासिक ब्याज दर 1.0 फीसद लगती है। 17 हजार पर 1.50 और 22 हजार पर 2.21 रुपये ब्याज दर लगती है। इसी तरह रकम घटने-बढ़ने के साथ ब्याज दर में भी उतार-चढ़ाव रहता है।
ऐसे मिलता है ऋण
मैनेजर सचिन तोमर ने बताया कि लोन देने से पूर्व ग्राहक के सोने की परख कराई जाती है। यदि आभूषणों में कोई मोती या नग लगा है तो उसकी अलग से परख होती है। सोने की गुणवत्ता जांचने के बाद कुछ कागजी कार्रवाई के बाद लोन उपलब्ध करा दिया जाता है। 90 दिनों में लोन जमा कराना होता है।
कंपनी का दावा,120 दिन में मिलेंगा क्लेम
मैनेजर का दावा है कि ग्राहकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लोन देने से पहली कंपनी आभूषणों का बीमा करती है। यदि कोई अनहोनी हो जाए तो ग्राहकों को 120 दिनों के अंदर उनका सोना उपलब्ध करा दिया जाता है। मैनेजर ने बताया कि कंपनी के हेड ऑफिस केरल से ही गार्ड नहीं दिया गया है। बेगमपुल शाखा की लिमिट 15 किग्रा है। यदि 20 किग्रा लिमिट होती तो उन्हें गार्ड उपलब्ध कराया जाता।
कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हैं बदमाश
घटना को अंजाम देने वाले बदमाश कंपनी के अलावा नीचे दुकानों के सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हैं। जिस दुकान के सामने इफ्तेखार से बाइक लूटी गई वहां दुकानदार ने बदमाशों को पकड़ने की भी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पुलिस ने खंगाल डाली वंडर सिटी,नहीं मिला बैग
बदमाशों की लोकेशन मिलते ही पुलिस ने वंडर सिटी में नाले,गड्ढे और कोना-कोना खंगाल डाला। बैग के अंदर लगे जीपीएस ट्रेकर की लोकेशन सिटी में ही मिलती रही,लेकिन 150 से अधिक पुलिसकर्मियों का अमला भी देर रात तक उसे नहीं खोज पाया। सर्विलांस और साइबर सेल टीम की मदद से बैग की लोकेशन ली जाती रही और प्रभारी एसएसपी डा. बीपी अशोक दल-बल के साथ वंडर सिटी पहुंच गए। इसके बाद कालोनी के बाहर नाले व आसपास के खेतों में बदमाशों की तलाश शुरू हुई। वहां कुछ नहीं मिला तो वंडर सिटी के अंदर दाखिल हुए,जहां चौकीदार ने बताया कि एक सेंट्रो कार से चार लोग उतर गए हैं। इसके बाद बदमाशों की घेराबंदी कर दी गई। कालोनी का कोना-कोना और नाले-नाले सब खंगाल दिए गए। बैग की लोकेशन वंडर सिटी में ही मिलती रही। बावजूद,पुलिसकर्मी नहीं तलाश पाए। इसके बाद बदमाशों का मकान मिल गया।
मां बोली,शादी में गए हैं बाप-बेटा
मकान के अंदर एक महिला मिली,जिसने खुद को धूम सिंह की मां बताया। उसने कहा कि बाप-बेटा दोपहर यह कहकर निकले थे कि वह शादी में जा रहे हैं। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है। अचानक पुलिस के अमले को देखकर महिला अर्धमूर्छित भी हो गई। इसके बाद पुलिस ने मकान का भी कोना-कोना खंगाल डाला।
जीपीएस ट्रैकर बना हथियार
मैनेजर सचिन कुमार ने जब बताया कि बदमाश कंपनी का ही जीपीएस ट्रैकर लगा बैग में आभूषण लेकर भागे हैं तो बांछे खिल गई। उसकी लोकेशन ट्रेस की गई। उसकी मदद से ही पुलिस बदमाशों के घर तक पहुंची। वरना पुलिस के लिए बदमाशों तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता।
2.21 फीसद तक है ब्याज दर
मणप्पुरम फाइनेंस कंपनी 90 दिनों के लिए लोन उपलब्ध कराती है। यदि कोई 13 हजार रुपये लोन लेता है तो मासिक ब्याज दर 1.0 फीसद लगती है। 17 हजार पर 1.50 और 22 हजार पर 2.21 रुपये ब्याज दर लगती है। इसी तरह रकम घटने-बढ़ने के साथ ब्याज दर में भी उतार-चढ़ाव रहता है।
ऐसे मिलता है ऋण
मैनेजर सचिन तोमर ने बताया कि लोन देने से पूर्व ग्राहक के सोने की परख कराई जाती है। यदि आभूषणों में कोई मोती या नग लगा है तो उसकी अलग से परख होती है। सोने की गुणवत्ता जांचने के बाद कुछ कागजी कार्रवाई के बाद लोन उपलब्ध करा दिया जाता है। 90 दिनों में लोन जमा कराना होता है।
कंपनी का दावा,120 दिन में मिलेंगा क्लेम
मैनेजर का दावा है कि ग्राहकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लोन देने से पहली कंपनी आभूषणों का बीमा करती है। यदि कोई अनहोनी हो जाए तो ग्राहकों को 120 दिनों के अंदर उनका सोना उपलब्ध करा दिया जाता है। मैनेजर ने बताया कि कंपनी के हेड ऑफिस केरल से ही गार्ड नहीं दिया गया है। बेगमपुल शाखा की लिमिट 15 किग्रा है। यदि 20 किग्रा लिमिट होती तो उन्हें गार्ड उपलब्ध कराया जाता।
कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हैं बदमाश
घटना को अंजाम देने वाले बदमाश कंपनी के अलावा नीचे दुकानों के सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हैं। जिस दुकान के सामने इफ्तेखार से बाइक लूटी गई वहां दुकानदार ने बदमाशों को पकड़ने की भी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पुलिस ने खंगाल डाली वंडर सिटी,नहीं मिला बैग
बदमाशों की लोकेशन मिलते ही पुलिस ने वंडर सिटी में नाले,गड्ढे और कोना-कोना खंगाल डाला। बैग के अंदर लगे जीपीएस ट्रेकर की लोकेशन सिटी में ही मिलती रही,लेकिन 150 से अधिक पुलिसकर्मियों का अमला भी देर रात तक उसे नहीं खोज पाया। सर्विलांस और साइबर सेल टीम की मदद से बैग की लोकेशन ली जाती रही और प्रभारी एसएसपी डा. बीपी अशोक दल-बल के साथ वंडर सिटी पहुंच गए। इसके बाद कालोनी के बाहर नाले व आसपास के खेतों में बदमाशों की तलाश शुरू हुई। वहां कुछ नहीं मिला तो वंडर सिटी के अंदर दाखिल हुए,जहां चौकीदार ने बताया कि एक सेंट्रो कार से चार लोग उतर गए हैं। इसके बाद बदमाशों की घेराबंदी कर दी गई। कालोनी का कोना-कोना और नाले-नाले सब खंगाल दिए गए। बैग की लोकेशन वंडर सिटी में ही मिलती रही। बावजूद,पुलिसकर्मी नहीं तलाश पाए। इसके बाद बदमाशों का मकान मिल गया।
मां बोली,शादी में गए हैं बाप-बेटा
मकान के अंदर एक महिला मिली,जिसने खुद को धूम सिंह की मां बताया। उसने कहा कि बाप-बेटा दोपहर यह कहकर निकले थे कि वह शादी में जा रहे हैं। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है। अचानक पुलिस के अमले को देखकर महिला अर्धमूर्छित भी हो गई। इसके बाद पुलिस ने मकान का भी कोना-कोना खंगाल डाला।
जीपीएस ट्रैकर बना हथियार
मैनेजर सचिन कुमार ने जब बताया कि बदमाश कंपनी का ही जीपीएस ट्रैकर लगा बैग में आभूषण लेकर भागे हैं तो बांछे खिल गई। उसकी लोकेशन ट्रेस की गई। उसकी मदद से ही पुलिस बदमाशों के घर तक पहुंची। वरना पुलिस के लिए बदमाशों तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता।
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