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After Ayodhya Verdict : फैसले के बाद दिखा उत्‍साह, अबकी बार सरयू में डुबकी लगाएंगे रामलीला के राम Meerut News

After Ayodhya Verdict रामलीलाओं में राम का पात्र निभाने भी अयोध्‍या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्‍साहित हैं। इन्‍होंने इस बार अयोध्या जाने की योजना बनाई है।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:50 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 10:50 AM (IST)
After Ayodhya Verdict : फैसले के बाद दिखा उत्‍साह, अबकी बार सरयू में डुबकी लगाएंगे रामलीला के राम Meerut News
After Ayodhya Verdict : फैसले के बाद दिखा उत्‍साह, अबकी बार सरयू में डुबकी लगाएंगे रामलीला के राम Meerut News

मेरठ, [ओम बाजपेयी]। After Ayodhya Verdict अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के बाद शहर में होने वाली रामलीलाओं के पात्र खासे उत्साहित हैं। शहर में होने वाली रामलीलाओं में मंचन करने वाले अधिकांश पात्र बाहर मंडलियों के कलाकार हैं। लेकिन जेलचुंगी, प्रहलाद नगर और रजबन में स्थानीय कलाकार मंचन करते हैं। भगवान राम की भूमिका निभाने वाले कलाकार असल जिंदगी में अलग-अलग पेशे से जुड़े हैं, लेकिन सबकी राय कमोबेश एक जैसी है। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कुछ इस तरह अपने उद्गार व्यक्त किए।

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दो साल से जीवंत कर रहे राम का पात्र

जेलचुंगी में होने वाली रामलीला में सचिन अनेजा पिछले दो वर्ष से भगवान राम के पात्र को जीवंत कर रहे हैं। रविवार को वह काम करते हुए भी कानों में ईयरफोन लगाकर सुंदरकांड का पाठ सुन रहे थे। छोटी फ्लोर मिल चलाने वाले सचिन ने बताया कि रामलीला का आयोजन होने के बाद कमेटी के सभी सदस्य और कलाकार गढ़ गंगा में स्नान करने जाते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि नौ दिनों तक रामलीला के स्वरूपों की भूमिका निभाते हुए जो उनसे त्रुटियां हुई हैं, उन्हें गंगा मइया धो डाले। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी लोगों ने आपस में विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि इस बार अयोध्या जाने की योजना बनाई है, जहां सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामलला के दर्शन करेंगे।

अयोध्या जाएंगे प्रहलादनगर के राम

प्रहलाद नगर में राम नाटक क्लब द्वारा हर वर्ष रामलीला का आयोजन किया जाता है। यहां सभी कलाकार स्थानीय हैं। राम की भूमिका पिछले 13 वर्षों से सुनील चढ्ढा निभा रहे हैं। आभूषणों का व्यापार करने वाले सुनील ने बताया कि जीवनभर मर्यादा का पालन करने वाले भगवान राम जो हमारी धर्म और संस्कृति का हिस्सा रहे हैं, उन्हीं के जन्मस्थान में मंदिर का न होना हृदय में टीस पैदा करता था। राम की भूमिका निभाते समय हमारे पैर 70-80 साल के बुजुर्ग छूते हैं, तो हमें गौरव का अहसास होता है। जब मैंने फेसबुक पर राम की भूमिका वाला अपना फोटो डाला तो लोगों के कमेंट आए कि आप इसी रूप में हमारे साथ राम मंदिर निर्माण के लिए चलिए। सुनील ने कहा कि लोगों का साथ मिला तो वह उसी रूप में अयोध्या जाएंगे। 


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