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Ekata murder Case: राजफाश के 15 दिन बाद भी नहीं हुआ डीएनए टेस्‍ट, जांच को भी नहीं भेजे सबूत

एकता हत्‍याकांड के 15 दिन बित जाने के बाद भी अभी तक सैंपल डीएनए जांच के लिए नहीं भेजा गया है। वहीं पुलिस ने सबूत फारेसिंग लैब जांच को भी नहीं भेजा है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 01:39 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 01:39 PM (IST)
Ekata murder Case: राजफाश के 15 दिन बाद भी नहीं हुआ डीएनए टेस्‍ट, जांच को भी नहीं भेजे सबूत
Ekata murder Case: राजफाश के 15 दिन बाद भी नहीं हुआ डीएनए टेस्‍ट, जांच को भी नहीं भेजे सबूत

मेरठ, जेएनएन। शहर के सनसनीखेज एकता हत्याकांड में पुलिस कार्रवाई से हाथ पीछे खींच रही हैं। पर्दाफाश को 15 दिन बीतने के बाद भी शव की हड्डियों का डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया। साथ ही हत्यारोपितों से बरामद आला-ए-कत्ल और अन्य सामान को अभी तक फोरेंसिक लैब भी नहीं भेजा गया है। इसके अलावा फेसबुक आइडी को भी साइबर सेल में नहीं दिया गया है। पुलिस की सुस्त कार्रवाई को लेकर एकता के परिवार ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का यह हाल तब है, जब एसएसपी इस केस को प्रदेश में नजीर बनाना चाहते हैं।

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दौराला के लोहिया नगर निवासी शाकिब ने अपने परिवार के साथ मिलकर 13 जून 2019 में ईद से पहले चांद रात में लुधियाना निवासी एकता की हत्या कर दी थी। शव बरामद न हो सके, इसलिए आरोपितों ने शव के टुकड़े कर दिए थे। एकता का हाथ-पैर और गला तालाब में फेंक दिया था और उसका धड़ खेत में दबा दिया था। पुलिस ने हत्याकांड का एक साल बाद पर्दाफाश करते हुए शाकिब, उसके भाई मुशर्रत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा, इस्मत और दोस्त अयान को गिरफ्तार कर लिया था।

प्रेस कांफ्रेंस के बाद भागे शाकिब को मुठभेड़ में लगी थी चार गोली

सनसनीखेज एकता हत्याकांड का पुलिस ने दो जून को प्रेस कांफ्रेंस में राजफाश किया था। प्रेस कांफ्रेंस के बाद शातिर शाकिब एक सिपाही की पिस्टल छीनकर भाग गया था। पुलिस ने मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार किया था। शाकिब के पैर में चार गोली लगी थी।

दिल दहलाने वाले हत्याकांड में पुलिस बनी लापरवाह

हत्याकांड का राजफाश दिल दहलाने वाला रहा। इसके बावजूद जांच को लेकर पुलिस का रवैया बेहद निराशाजनक है। पुलिस की सुस्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजफाश को 15 दिन बीतने के बाद भी बॉडी का डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया। इससे भी हैरत की बात यह है कि कत्ल में प्रयोग की गई बलकटी, एकता का मोबाइल और एक फावड़ा भी अभी तक फोरेंसिंग लैब नहीं भेजा गया है। इसके अलावा एकता और शाकिब के फेसबुक एकाउंट को भी साइबर लैब में नहीं भेजा है। बता दें कि शाकिब एकता के फेसबुक एकाउंट और वाट्सएप पर उसकी डीपी बदलकर जिंदा रहने के प्रमाण परिवार को देकर गुमराह कर रहा था।

विवेचक पर आरोपितों से साठगांठ का आरोप

एकता के परिवार का कहना है कि यदि डीएनए नहीं हुआ तो आरोपित को कोर्ट में इसका लाभ मिलेगा। वह मुकदमे से बरी हो सकते हैं। एकता के परिवार ने विवेचक एमपी सिंह पर आरोपितों के साथ साठगांठ करने का आरोप भी लगाया है। वहीं, विवेचक एमपी सिंह ने भी स्वीकार किया है कि अभी बॉडी डीएनए टेस्ट के लिए और बरामद सामान फोरेंसिंक लैब नहीं भेजा गया है। 


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