यूपी : बागपत में हुए इस विवाद को लेकर 22 जिलों के अधिवक्ता आज हड़ताल पर
बड़ौत में पुलिस की अधिवक्ता को पीटकर थाने में बंद करने का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। अधिवक्ताओं में इसे लेकर रोष है। पहले तो बागपत में ही अधिवक्ताओं ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी और प्रदर्शन किया था।
बागपत, जेएनएन। बड़ौत में पुलिस की अधिवक्ता को पीटकर थाने में बंद करने का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। अधिवक्ताओं में इसे लेकर रोष है। पहले तो बागपत में ही अधिवक्ताओं ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी और प्रदर्शन किया था, लेकिन अभी कुल 22 जिलों में अधिवक्ता हड़ताल पर रहने की योजना बना चुके हैं। एडीजी से शिकायत के बाद भी आरोपित पुलिसकर्मियों पर उचित कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके विरोध में शुक्रवार (आज) को बागपत समेत 22 जिलों के अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। इस बीच किसी तरह का काम नहीं करेंगे।
यह है मामला
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट सोमेंद्र ढाका का कहना है कि दस सितंबर को बड़ौत कोतवाली पुलिस ने अधिवक्ता आकिब चौधरी के से मारपीट कर उन्हें लॉकअप में बंद किया था। अधिवक्ता की जेब से मोबाइल व 57,543 रुपये निकाल लिए थे। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।
इनपर हुई थी कार्रवाई
इसके विरोध में 17 सितंबर को एसपी आवास और 18 सितंबर को एसपी दफ्तर पर धरना प्रदर्शन किया गया था। एसपी अभिषेक सिंह ने चौकी इंचार्ज योगेश गिरी, कांस्टेबल मोनू शर्मा व नरेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया था। उनकी मांग है कि आरोपितों पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको निलंबित किया जाए। अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमा निरस्त हो।
मेरठ एडीजी ने दो दिन का दिया था समय
इसके लिए हाईकोर्ट बेंच पश्चिम उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति के चेयरमैन मांगेराम के नेतृत्व में अधिवक्ता 21 सितंबर को मेरठ एडीजी से मिले थे। उन्होंने दो दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। अध्यक्ष ढाका का कहना है कि अभी तक पुलिस अफसरों ने उचित कार्रवाई नहीं की है। इसलिए हाईकोर्ट बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति के आवाहन पर 22 जनपदों मे अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा जाएगा।