पश्चिम उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओं ने नहीं किया काम
बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा किए गए भारतीय विधिक नियमावली में संशोधन के विरोध म
मेरठ,जेएनएन। बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा किए गए भारतीय विधिक नियमावली में संशोधन के विरोध में अधिवक्ताओं ने बुधवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जनपदों में न्यायिक कार्य नहीं किया। जिला और तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके जिला जज को ज्ञापन सौंपा। वादकारी परेशान रहे तथा उन्हें बिना सुनवाई ही वापस लौटना पड़ा।
नियमावली में संशोधन के मुताबिक अब अधिवक्ता किसी भी नए कानून अथवा नियम के विरोध में अपना बयान नहीं दे सकेंगे। हाल ही में पश्चिम उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक में इस संशोधन को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। उसी के तहत बुधवार को पश्चिम के 22 जनपदों में अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहे। सभी जनपद तथा तहसील मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बार काउंसिल ऑफ इंडिया को संबोधित ज्ञापन जिला न्यायाधीश को सौंपे गए।
मेरठ में भी अधिवक्ताओं ने काम नहीं किया। केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन महावीर सिंह त्यागी तथा संयोजक सचिन चौधरी के नेतृत्व में कचहरी परिसर में प्रदर्शन किया गया तथा जुलूस निकालकर जनपद न्यायाधीश दिनेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा। बार काउंसिल आफ इंडिया तथा बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन में उन्होंने नियमावली में संशोधन को अधिवक्ता विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व अध्यक्ष अजय त्यागी, गजेंद्र पाल सिंह, पूर्व महामंत्री गोपाल शर्मा, अनिल जैन गाना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप सिंह, अशोक, आशीष चौरसिया, नीरज सोम, शिवम गुप्ता, सचिन भारद्वाज आदि शामिल रहे।
प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान
बहसूमा : रामराज में बुधवार को सरदार अमरपाल सिंह ग्रेवाल के आवास पर सपा कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें गुरुवार को तहसील मवाना में महंगाई के विरोध में होने वाले प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया। बैठक में सपा युवा नेता सुदेश पाल, अंकुर चौधरी, सबाब मियां, प्रधान राजपाल सिंह, कृष्ण कुमार, अमन, सुखदीप सिंह,बूटा, संजय कपूर ,राहुल कुमार ,बलराम मास्टर, विक्की वर्मा, राकेश आदि उपस्थित रहे।