दो साल से अधिक गैप होने पर भी पीजी में प्रवेश
सीसीएसयू की प्रवेश समिति की बैठक सोमवार को हुई। इसमें कई अहम निर्णय किए गए।
जेएनएन, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि ने परास्नातक (पीजी) में गैप ईयर के छात्रों को एक बड़ी राहत दी है। ऐसे छात्र-छात्राएं जो स्नातक में दो साल से अधिक गैप होने की वजह से परास्नातक गैर प्रयोगात्मक विषयों में प्रवेश नहीं पाते थे। उन्हें भी अब रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही परास्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए 14 जनवरी से एक बार फिर आनलाइन रजिस्ट्रेशन खुल सकता है।
इस साल परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश कम हुए हैं। इसे देखते हुए विवि की ओर से कई बार रजिस्ट्रेशन भी खोले गए। इसके साथ ही प्रवेश नियमावली में भी बदलाव किया जा रहा है। सोमवार को प्रवेश समिति की बैठक में गैप ईयर के छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई है। अभी तक स्नातक करने के दो साल बाद कोई छात्र परास्नातक में गैर प्रयोगात्मक विषयों में प्रवेश चाहता था, तो उसे प्रवेश नहीं मिल पाता था। केवल प्रयोगात्मक विषय में ही प्रवेश की अनुमति थी। अब दो साल से अधिक गैप होने के बाद भी छात्र पीजी के किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए पंजीयन करा सकेंगे। इस बदलाव के साथ ही 14 और 15 जनवरी को पीजी में प्रवेश के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन भी खुलेगा। प्रवेश समिति ने बीसीआइ (बार काउंसिल आफ इंडिया) से मान्यता का पत्र नहीं मिलने की वजह से एमएमएच कालेज गाजियाबाद में एलएलबी में 220 सीटों पर प्रवेश को निरस्त कर दिया है। शेष कालेजों को बीसीआइ का पत्र मिलने की वजह से राहत दी गई है। जिन छात्रों का प्रवेश निरस्त किया गया है, उन छात्रों को सेकेंड च्वाइस में मौका दिया जाएगा। प्रवेश समिति ने बीबीए, बीसीए के छात्रों को भी एमए, एमएससी भूगोल में प्रवेश की अनुमति दी है। प्रवेश समिति की बैठक में कुलपति प्रो. एनके तनेजा, प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला, प्रवेश समन्वयक प्रो. भूपेंद्र सिंह आदि रहे।