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कोरोना महामारी के दौरान प्रशासन ने दी जनता को राहत, नहीं बढ़े संपत्तियों के सर्किल रेट Meerut News

जिला प्रशासन संपत्तियों के सर्किल रेट का नए सिरे से आकलन करके एक अगस्त से उन्हें लागू करता है लेकिन इस बार राहत देते हुए सर्किल रेट में कोई इजाफा न करने का निर्णय लिया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 09:10 AM (IST)
कोरोना महामारी के दौरान प्रशासन ने दी जनता को राहत, नहीं बढ़े संपत्तियों के सर्किल रेट Meerut News
कोरोना महामारी के दौरान प्रशासन ने दी जनता को राहत, नहीं बढ़े संपत्तियों के सर्किल रेट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान संपत्तियों की बिक्री और रजिस्ट्री लगभग थमी सी है। हर साल जिला प्रशासन संपत्तियों के सर्किल रेट का नए सिरे से आकलन करके एक अगस्त से उन्हें लागू करता है, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने जनता को राहत देते हुए सर्किल रेट में कोई इजाफा न करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

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वार्षिक पुनरीक्षण की प्रक्रिया

प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन स्टांप शुल्क के लक्ष्य पूरे करने के लिए संपत्तियों के सर्किल रेट (मूल्यांकन दर सूची) का पुनरीक्षण करता है। पुराने क्षेत्रों के साथ-साथ नए विकसित इलाकों की दरों को भी बढ़ाया जाता है। इस बार भी जिला प्रशासन ने सर्किल रेट के वार्षिक पुनरीक्षण की प्रक्रिया को जून महीने से ही शुरू किया था। सब रजिस्ट्रार और निबंधन विभाग के अफसरों द्वारा इन दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव दिए गए थे। जिन पर डीएम के निर्देश पर एडीएम वित सुभाषचंद्र प्रजापति ने कई दौर की बैठकें की।

एक अगस्त से नई दरों को लागू होती थी

उन्होंने निबंधन अफसरों के प्रस्ताव पर तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों से भी रिपोर्ट ली। एक अगस्त से नई दरों को लागू किया जाना था। लिहाजा शुक्रवार को जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आगामी एक वर्ष तक संपत्तियों की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।

चार साल से नहीं बढ़ीं दरें

जनपद में सर्किल रेट पिछले चार साल से नहीं बढ़े हैैं। डीएम के आदेश में भी स्पष्ट बताया गया है कि एक अगस्त 2016 से प्रभावी मूल्यांकन दर सूची को ही एक अगस्त 2020 से लागू किया गया है। जो कि आगामी एक साल तक लागू रहेगी। एडीएम वित्त सुभाषचंद्र प्रजापति ने बताया कि चार साल से मूल्यांकन दरें यथावत हैं।


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