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फेसबुक व मोबाइल बच्चों में पैदा कर रहे कुशील पाप, छोटे कर रहे बड़े अपराध Meerut News

आचार्य जैन मुनि प्रणम्य सागर ने बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि फेसबुक व मोबाइल बच्चों में कुशील पाप पैदा कर रहे हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 12:57 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 12:57 PM (IST)
फेसबुक व मोबाइल बच्चों में पैदा कर रहे कुशील पाप, छोटे कर रहे बड़े अपराध Meerut News
फेसबुक व मोबाइल बच्चों में पैदा कर रहे कुशील पाप, छोटे कर रहे बड़े अपराध Meerut News

मेरठ, जेएनएन। आजकल छोटे बच्चे बड़ा अपराध कर रहे हैं, फेसबुक व मोबाइल बच्चों में सबसे ज्यादा कुशील पाप पैदा कर रहा है। आवश्यकता से अधिक लालच भी जेल जाने का कारण बनता है। बच्चों को हिंसा, चोरी, कुशील, झूठ व चोरी समेत पांच पापों से बचना चाहिए। विद्यार्थियों को ब्रहमचर्य का पालन करते हुए भगवान राम, स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों का जीवन स्मरण करना चाहिए। यह बातें बुधवार को आचार्य जैन मुनि प्रणम्य सागर ने शास्त्रीनगर स्थित बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने विद्यार्थियों को अर्हम योग कराते हुए योग का महत्व समझाया। प्रणम्य सागर ने विद्यार्थियों को जंक फूड, फास्ट फूड, मांसाहार से दूर रहने की सलाह दी। 

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आंख, नाक व कान हमारे शरीर की मीडिया

आचार्य प्रणम्य सागर ने नैनं छिद्रम शस्त्राणि नैनं दहति पावक: का अर्थ बताते हुए कहा कि आंख, कान व नाक हमारे शरीर की मीडिया है। शरीर में जब तक आत्मा है, तब तक देखा व सुना जा सकता है। आत्मा में ज्योति होती है, जिससे हमें शक्ति मिलती है। यदि यह ज्योति निकल जाए तो हमारा शरीर बुझे हुए दीपक के समान हो जाता है।

कान्वेंट स्कूलों के आने से कम हुए संस्कार

आचार्य प्रणम्य सागर ने कहा कि आजकल जगह-जगह कान्वेंट स्कूल के आ जाने से विद्यार्थियों के संस्कारों में कमी आई है। हमारी संस्कृति में गुरु या शिक्षक को आचार्य कहा जाता है। जो हमें ज्ञान देते हैं।  


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