सहारनपुर में ग्राम पंचायतों में कोविड किट खरीद में घोटाले का आरोप, उठाई जांच की मांग
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक ने सहारनपुर की ग्राम पंचायतों में क्रय की गई कोविड किट व सफाईकर्मी किट में घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
सहारनपुर, जेएनएन। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक रामपाल सिंह पुंडीर ने कमिश्नर व मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में जनपद सहारनपुर की ग्राम पंचायतों में क्रय की गई कोविड किट व सफाईकर्मी किट में घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
यह है मामला
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में रामपाल सिंह पुंडीर ने कहा है कि जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा सफाईकर्मी किट 5200 रुपये में स्वयं खरीदकर ग्राम पंचायतों में भुगतान कराया गया है। बिल डिजिटल इंडिया कांट्रेक्टर एंड सप्लायर्स के नाम से दिया गया है। इसका पता नानौता के एक इंटर कॉलेज का दिखाया गया है। जबकि नानौता में इस नाम से इंटर कालेज पर कोई भी दुकान या फर्म नहीं है। इसी प्रकार कोविड किट में इन्फ्राइड थर्मामीटर की कीमत बिल में 2270 रुपये दिखाई गई है। पल्स ओक्सोमीटर जिसकी कीमत बिल में 1920 रुपये दिखाई गई है। यह बिल जीवाणु एसोसिएट्स बी-291, जीवाणु भवन अपोजिट न्यू जगदम्बा ट्रांसपोर्ट के नाम से जारी किया गया है। उसमें स्थान का नाम नहीं दिखाया गया है। पत्र में कहा कि कोविड किट की कुल कीमत 4190 रुपये प्रति ग्राम पंचायत बैंक शिवालिक मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा हकीकत नगर में कराया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत जांच कराई जाए।
इनका कहना है...
सभी ग्राम पंचायतें स्वतंत्र हैं, उनका इस मामले व किट के लेनदेन से कोई वास्ता नहीं है। सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
- आरपी सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी।
ग्राम प्रधानों का कहना है
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक रामपाल ङ्क्षसह पुंडीर ने जिला पंचायत राज अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने 2800 रुपये कीमत पर कोविड किट खरीद का लक्ष्य दिया था, लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी ने नियम कानून को ताक पर रख कर 5200 रुपये ग्राम प्रधानों से लिए हैं, जबकि ग्राम पंचायत स्वयं किसी भी सामान की खरीद के लिए स्वतंत्र है। ग्राम प्रधान मेघराज सिंह का कहना है कि 4100 व 1100 रुपए लिए गए हैं। उन्हे जो पैकेट मिला था वह आशाओं को दे दिया था। प्रधान रविंद्र ङ्क्षसह का कहना है कि उनके खाते से 2800 रुपए कटे हैं किट में क्या था उन्होने नही देखा। ज्यों का त्यों पैकेट गांव की आशा को दे दिया गया था। ग्राम प्रधान नाथी राम कहते हैं कि उनके सरकारी खाते से 5200 रुपए काटे गए हैं। एक मशीन गांव की आशा को दी गई थी। प्रधान उमा देवी का कहना है कि ना उन्हे किट मिली ना उनसे पैसे लिए गए थे।