दुर्घटना का आरोपित और वाहन बदलने को लेकर हंगामा, बाद में दोनों पक्षों में हुआ समझौता
चार दिन पूर्व कस्तला मार्ग पर हुई दुर्घटना में घायल युवक की उपचार के दौरान शनिवार को मौत हो गई।
मेरठ, जेएनएन। चार दिन पूर्व कस्तला मार्ग पर हुई दुर्घटना में घायल युवक की उपचार के दौरान शनिवार को मौत हो गई। शव लेकर आए ग्रामीणों ने जाम लगाने का प्रयास किया। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने दुर्घटना करने वाले वाहन को थाने से छोड़ दिया और रिपोर्ट में आरोपित चालक व वाहन बदल दिया। थाने में आरोपित पक्ष के मुआवजा देने पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया। 28 जुलाई को नंगला शेखू निवासी 28 वर्षीय राहुल पुत्र महावीर बाइक से सैनी गांव जा रहा था।
रास्ते में मिट्टी से भरी ट्रैक्टर-ट्राली ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। चालक ट्रैक्टर-ट्राली मौके पर छोड़कर भाग गया। स्वजनों ने घायल को गंगानगर स्थित एक निजी नर्सिग होम में भर्ती कराते हुए ट्रैक्टर ट्राली को पुलिस को सौंपते हुए अज्ञात में तहरीर दी। शनिवार को राहुल की उपचार दौरान मौत हो गई। इससे गुस्साए ग्रामीण व स्वजन एंबुलेंस में शव रखकर थाने की ओर चले तो पुलिस ने उन्हें मवाना रोड स्थित एसआर पेट्रोल पंप पर रोक लिया।
ग्रामीणों का आरोप था कि उनकी तहरीर बदल कर पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली को थाने से छोड़ दिया तथा उसके स्थान पर छोटे हाथी से दुर्घटना दर्शाकर छोटे हाथी व उसके चालक का चालान कर दिया। लगभग एक घंटे तक पुलिस व ग्रामीणों में हुई बातचीत के बाद कोई नतीजा नहीं निकलने पर ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रालियों में बैठकर एसएसपी से मिलने के लिए मेरठ रवाना हो गए। रास्ते में सीओ सदर देहात ब्रिजेश सिंह ने उन्हें गंगानगर थाने पर रोक लिया, जहां जमकर हंगामा हुआ। सपा नेता विपिन मनोठिया के नेतृत्व में स्वजनों ने मांग रखी। रात करीब आठ बजे दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। आरोपित पक्ष की ओर से युवक के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने पर सहमति बनी। एक लाख मौके पर ही नकद दिया गया। पुलिस ने एंबुलेंस में रखे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
उधर, इंस्पेक्टर इंचौली ने तहरीर बदलने के आरोप को नकारते हुए कहा कि अधिवक्ता के माध्यम से जो तहरीर युवक के स्वजनों ने दी उसी आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है। बच्चों को नहीं पता उठ गया पिता का साया राहुल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। राहुल की मौत की सूचना से उसकी पत्नी रेणु व मां विमलेश का रो-रोकर बुरा हाल है। राहुल के चार छोट-छोटे बच्चे हैं जिनको यह भी नहीं पता कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। अपनी मां को रोते देख बच्चे भी उससे लिपट कर रो रहे थे। इस परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है। राहुल बिजली का काम करता था जिससे मुश्किल से परिवार का गुजर बसर होता था।
इन्होंने कहा::: मुकदमे में ट्रैक्टर-ट्रॉली वाहन व चालक को बदलकर मैजिक वाहन दर्शाने के आरोपों की जांच की जा रही है। इसके अलावा मृतक के स्वजनों को आरोपित पक्ष की ओर से उपचार के तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
- ब्रजेश कुमार, सीओ सदर देहात।