भ्रष्टाचार का आरोप लगा सीडीपीओ कार्यालय में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का हंगामा
भष्टाचार का आरोप लगाकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में जमकर हंगामा किया। मामले में पुलिस को भी बुलाना पड़ा।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 10:25 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में हंगामा किया। सीडीपीओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया,जिसका विरोध करने पर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक भी हुई। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सीडीपीओ ने उन्हें बंधक बनाकर पीटा। एक कार्यकर्ता का हाथ टूट गया। साथ ही खुद अपने कार्यालय का सामान फैला दिया। बाद में पार्षदों ने पुलिस बुलाकर उन्हें मुक्त कराया।
खुद स्टेशनरी का पैकेट पकड़ा दिया
एबीवीपी के प्रांत प्रमुख उत्तम सैनी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया था कि 550 रुपये प्रत्येक आंगनबाड़ी के खाते में स्टेशनरी खरीदने के लिए आए थे लेकिन सीडीपीओ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने कार्यालय में बुलाकर 550 रुपये ले लिए और खुद स्टेशनरी का पैकेट पकड़ा दिया। 530 रुपये की रसीद भी दे दी। जबकि जो स्टेशनरी सीडीपीओ ने दी है वह मात्र 300 रुपये की ही है।
गेट बंद करके बंधक बनाया
इस संबंध में बात करने के लिए वे कार्यकताओं के साथ गुरुवार को सीडीपीओ से मिलने पहुंचे थे। आरोप है कि सीडीपीओ से इसका कारण पूछा गया तो वह बिफर पड़े और गाली-गलौज करने लगे। सीडीपीओ ने गेट बंद करके उन्हें बंधक बना लिया। इस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भी यूपी-100 पर फोन किया और भाजपा पार्षदों को बुला लिया। उत्तम ने बताया कि जब पुलिस और पार्षद पहुंचे तो तब वे मुक्त हो सके।
आरोप, खुद ही बिखेरा सामान
उनका आरोप है कि सीडीपीओ ने तोड़फोड़ का रूप देने के लिए खुद ही अपने कार्यालय का सामान बिखरा दिया। उत्तम ने दो वीडियो भी उपलब्ध कराए हैं जिसमें सीडीपीओ मान रहे हैं कि सामान 300 रुपये का है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शुक्रवार को डीएम से मिलकर पूरे प्रकरण की जानकारी देंगे। कार्यकर्ताओं में अंबर अग्रवाल आदि शामिल रहे। भाजपा पार्षदों में विपिन जिंदल,पंकज गोयल,अंशुल गुप्ता आदि शामिल रहे।
सीडीपीओ ने लगाया गाली गलौज का आरोप
सीडीपीओ चक्रवीर सिंह का कहना है कि खुद को एबीवीपी कार्यकर्ता कहने वाले पांच युवक आए और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने पुलिस को फोन किया और दरवाजा बंद करा दिया। इसी बीच एक कार्यकर्ता भाग गया। इस दौरान दरवाजे से टकरा गया और उसका हाथ चोटिल हो गया। बाद में भाजपा पार्षदों ने भी आकर हंगामा किया, मगर जब उन्होंने अपनी बात रखी तो वे संतुष्ट हो गए।
फरवरी में आ गई थी धनराशि
जब पुलिस ने शिकायत दर्ज कराने को कहा तो कोई आगे नहीं आया। रही बात 550 रुपये में स्टेशनरी खरीदने की तो फरवरी में ही यह धनराशि आ गई थी। कोई स्टेशनरी खरीद नहीं रही थी तो पंचायत उद्योग से कुछ कार्यकर्ताओं को खरीदने का सुझाव दिया था। 15 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्टेशनरी खरीदी थी। इसी में से किसी ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को बताया कि स्टेशनरी 550 रुपये के हिसाब से नहीं है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं को उन्होंने पंचायत उद्योग के प्रतिनिधि का नंबर भी दिया था। उन्होंने डीपीओ को लिखित में जानकारी दे दी है।
खुद स्टेशनरी का पैकेट पकड़ा दिया
एबीवीपी के प्रांत प्रमुख उत्तम सैनी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया था कि 550 रुपये प्रत्येक आंगनबाड़ी के खाते में स्टेशनरी खरीदने के लिए आए थे लेकिन सीडीपीओ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने कार्यालय में बुलाकर 550 रुपये ले लिए और खुद स्टेशनरी का पैकेट पकड़ा दिया। 530 रुपये की रसीद भी दे दी। जबकि जो स्टेशनरी सीडीपीओ ने दी है वह मात्र 300 रुपये की ही है।
गेट बंद करके बंधक बनाया
इस संबंध में बात करने के लिए वे कार्यकताओं के साथ गुरुवार को सीडीपीओ से मिलने पहुंचे थे। आरोप है कि सीडीपीओ से इसका कारण पूछा गया तो वह बिफर पड़े और गाली-गलौज करने लगे। सीडीपीओ ने गेट बंद करके उन्हें बंधक बना लिया। इस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भी यूपी-100 पर फोन किया और भाजपा पार्षदों को बुला लिया। उत्तम ने बताया कि जब पुलिस और पार्षद पहुंचे तो तब वे मुक्त हो सके।
आरोप, खुद ही बिखेरा सामान
उनका आरोप है कि सीडीपीओ ने तोड़फोड़ का रूप देने के लिए खुद ही अपने कार्यालय का सामान बिखरा दिया। उत्तम ने दो वीडियो भी उपलब्ध कराए हैं जिसमें सीडीपीओ मान रहे हैं कि सामान 300 रुपये का है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शुक्रवार को डीएम से मिलकर पूरे प्रकरण की जानकारी देंगे। कार्यकर्ताओं में अंबर अग्रवाल आदि शामिल रहे। भाजपा पार्षदों में विपिन जिंदल,पंकज गोयल,अंशुल गुप्ता आदि शामिल रहे।
सीडीपीओ ने लगाया गाली गलौज का आरोप
सीडीपीओ चक्रवीर सिंह का कहना है कि खुद को एबीवीपी कार्यकर्ता कहने वाले पांच युवक आए और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने पुलिस को फोन किया और दरवाजा बंद करा दिया। इसी बीच एक कार्यकर्ता भाग गया। इस दौरान दरवाजे से टकरा गया और उसका हाथ चोटिल हो गया। बाद में भाजपा पार्षदों ने भी आकर हंगामा किया, मगर जब उन्होंने अपनी बात रखी तो वे संतुष्ट हो गए।
फरवरी में आ गई थी धनराशि
जब पुलिस ने शिकायत दर्ज कराने को कहा तो कोई आगे नहीं आया। रही बात 550 रुपये में स्टेशनरी खरीदने की तो फरवरी में ही यह धनराशि आ गई थी। कोई स्टेशनरी खरीद नहीं रही थी तो पंचायत उद्योग से कुछ कार्यकर्ताओं को खरीदने का सुझाव दिया था। 15 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्टेशनरी खरीदी थी। इसी में से किसी ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को बताया कि स्टेशनरी 550 रुपये के हिसाब से नहीं है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं को उन्होंने पंचायत उद्योग के प्रतिनिधि का नंबर भी दिया था। उन्होंने डीपीओ को लिखित में जानकारी दे दी है।
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