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ए ग्रेड का विश्वविद्यालय बनाएंगे, छात्र पाएंगे रोजगार : कुलपति

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ए ग्रेड पाने की कोशिश में जुट गया है। आने वाले समय में विश्वविद्यालय में कई तरह के बदलाव दिखेंगे जहां शोध नवाचार पर जोर होगा। छात्र रोजगार पाने के साथ दूसरे को भी रोजगार देने लायक बनेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 05:10 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 05:10 AM (IST)
ए ग्रेड का विश्वविद्यालय बनाएंगे, छात्र पाएंगे रोजगार : कुलपति
ए ग्रेड का विश्वविद्यालय बनाएंगे, छात्र पाएंगे रोजगार : कुलपति

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ए ग्रेड पाने की कोशिश में जुट गया है। आने वाले समय में विश्वविद्यालय में कई तरह के बदलाव दिखेंगे, जहां शोध, नवाचार पर जोर होगा। छात्र रोजगार पाने के साथ दूसरे को भी रोजगार देने लायक बनेंगे। इसके लिए कई नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं। यह कहना है कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला का। वे सोमवार को अपने विजन को लेकर पत्रकारों से वार्ता कर रहीं थीं।

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प्रो. संगीता ने बताया कि सीसीएसयू के कुलपति के तौर पर उनका एक महीना अभी पूरा हुआ है। इसमें उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए छह समितियों का गठन किया है। इसमें रिसर्च एंड इनोवेशन, आइटी, इन्वायरमेंटल, मोरल एंड इथिक्स, इन्क्यूबेशन सेंटर और सेंटर फार वोकेशनल एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट प्रमुख है। कहा कि अच्छे रिसर्च करने वाले शोधार्थियों की फेलोशिप बढ़ाई जाएगी। जो शिक्षक अच्छे प्रोजेक्ट लाएंगे, उन्हें फंड भी उपलब्ध कराया जाएगा। मेरठ और गाजियाबाद के प्रमुख उद्योगों से एकेडमिक करार किया जा रहा है। इससे उद्योगों की मांग के अनुसार छात्रों को रोजगार लायक बनाया जाएगा। साथ ही छात्रों की उद्यमशीलता पर भी जोर दिया जा रहा है। इससे छात्र अपना स्टार्टअप शुरू करके दूसरों को रोजगार देने लायक बन सकेंगे। कामन फैसिलिटी सेंटर के लिए दो करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। विशेषज्ञों की टीम छात्रों से आइडिया लेगी। यह सेंटर कालेजों के लिए भी खुला रहेगा। कहा कि नैक और एनआइआरएफ की रैंकिग के लिए भी विवि की तैयारी है।

हर पेड़ की होगी बार कोडिग

पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए कुलपति ने एक नई पहल भी शुरू की है। उन्होंने बताया कि परिसर में जितने भी पेड़ हैं, उनकी बार कोडिग कराई जा रही है। इससे छात्र स्कैन करके संबंधित पेड़ के वानस्पतिक नाम जान सकेंगे। आगे चलकर मेरठ के अलग-अलग क्षेत्रों में औषधीय पौधों की भी कोडिग कराई जाएगी।

डिग्री मार्कशीट के झंझट को करेंगे दूर

कुलपति ने बताया कि छात्रों की सुविधा के लिए हर प्रयास हो रहे हैं। डिग्री-मार्कशीट समय से मिले। इसकी व्यवस्था की जाएगी। डिजिलाकर में अधिक से अधिक सर्टिफिकेट अपलोड कराने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों को बिचौलियों से भी बचाने का प्रयास होगा।

पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए प्रयास

कुलपति ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी ए ग्रेड के विश्वविद्यालय ही पीएचडी की प्रवेश परीक्षा करा सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर छात्रों को मौका नहीं मिल पा रहा है। विवि की ओर से इसके लिए प्रयास किया जाएगा।


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