आठ अवैध कालोनियां ध्वस्त
जागरण संवाददाता, मेरठ : बिजली बम्बा बाईपास के किनारे बजौट गाव में विकसित की गई आठ अवैध क
जागरण संवाददाता, मेरठ : बिजली बम्बा बाईपास के किनारे बजौट गाव में विकसित की गई आठ अवैध कालोनियां एमडीए ने बुल्डोजर से ध्वस्त कर दीं। यहां बने दर्जनों मकान और दो फैक्ट्रियों की दीवारें भी गिराई गई। इस दौरान पार्षद जुबेर ने विरोध जताते हुए एमडीए की टीम से हाथापाई की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उसकी पिटाई करके उसे भगा दिया।
एमडीए के जोन-एक के जोनल अधिकारी करनवीर सिंह के नेतृत्व में सात जेसीबी और सैकड़ों कर्मचारियों का दस्ता गुरुवार सुबह 11 बजे बजौट गांव पहुंचा। जोन-बी के जोनल अधिकारी मनोज कुमार सिंह, जोन- सी के जोनल अधिकारी पीपी सिंह व जोन- डी के जोनल अधिकारी एके सिंह भी संबंधित एई व जेई के साथ मौके पर मौजूद थे। वहीं स्थानीय लोगों के विरोध को रोकने के लिए एसीएम अरविंद सिंह और सीओ अखिलेश भदौरिया भी तीन थानों की पुलिस और पीएसी के साथ पहुंचे। यहां करीब 50 एकड़ जमीन पर अवैध कालोनी बनाई गई हैं। यहां पर इसमें अलग-अलग लोगों की आठ कालोनिया हैं। यहां पर घर, फैक्ट्री, मदरसा और मस्जिद बना दी गई हैं। एमडीए के दस्ते ने जैसे ही ध्वस्तीकरण शुरू किया नगर निगम के पार्षद जुबेर स्थानीय लोगों को लेकर जोनल अधिकारियों से भिड़ गए। भीड़ ने जेसीबी पर पत्थर भी फेंके। कर्मचारियों ने रोका तो कई लोग उनसे भी उलझ गए। अधिकारियों ने नियमानुसार कार्रवाई होने की बात कही तो वह जोनल अधिकारियों से हाथापाई के लिए आगे बढ़ा। इसके बाद पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की। मुकदमे की चेतावनी मिलते ही वह भाग खड़ा हुआ। इस दौरान कई मकान व दो फैक्ट्री ध्वस्त कर दिए गए। नींव उखाड़ दी गई और कालोनी के रास्ते को जोत दिया गया। मकान गिरने पर लोग रोते-बिलखते रहे। उन्होंने आनन-फानन में घरों से सामान निकाला।
फैक्ट्रियों पर सील
तीन फैक्ट्रियों पर सील लगा दी गई। इन्हें कंपाउंडिंग के लिए छोड़ा गया है। एमडीए की इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।
22 बीघे पर जुबेर का कब्जा
करीम नगर निवासी जुबेर अहमद पुत्र यामीन ने ग्राम समाज की करीब 22 बीघा जमीन पर कब्जा करके उसने जुबेर नाम से ही कालोनी बसा दी थी। जुबेर ही वहां अवैध कालोनी बसाने वालों का सरगना है। जोनल अधिकारी करनवीर सिंह ने परतापुर थाने में जुबेर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। आरोप है कि उसने अवैध कार्य तो किया ही उसने जेसीबी पर पत्थर भी फेंके। स्टाफ व उनके साथ गाली-गलौज की। जान से मारने की धमकी दी और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई।
छोड़ दिए मस्जिद-मदरसे
इस अवैध कालोनी में मस्जिद व दो मदरसे भी बना दिए गए हैं। हालांकि एमडीए ने इस पर कार्रवाई नहीं की।
(आरोपी जेई और मेट की तस्वीर जरूर लगा लें)
बस गई कालोनी तब चेते, जेई-मेट जिम्मेदार नहीं क्या?
करीब 50 एकड़ जमीन पर एक साथ आठ कालोनियां बस गई। वहां निर्माण जारी हो गया। यही नहीं ग्राम समाज की जमीन भी कब्जा ली गई। इसमें तालाब भी शामिल है। यह सब एक-दो दिन में नहीं बल्कि काफी लंबे समय में हुआ होगा। क्षेत्रीय जेई व मेट को इसके लिए जिम्मेदार क्यों नहीं बनाया जा रहा है? कार्रवाई के दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि जेई व मेट ने पैसे लिए हैं। उन्होंने ही अवैध निर्माण पर सहमति दी। हालांकि इस आरोप का जवाब एमडीए के पास नहीं है। जोनल अधिकारी करनवीर सिंह ने बताया कि जेई राजेश त्यागी व मेट राजेंद्र ने कई बार इसकी शिकायत की। थाने पर भी सूचना दी थी। उन्होंने स्वयं भी यहां जाकर निर्माण रोकने को कहा था, लेकिन ये लोग मानने को तैयार नहीं थे।
कार्रवाई पर आपस में भिड़ गए मेट
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कई मेट आपस में भिड़ गए। एक मेट ने यह भी मुद्दा उठाया कि एक निर्माण पर तिरंगा झंडा लगा था उसे भी तोड़ दिया गया। हालांकि अधिकारियों ने नसीहत दी कि आपस के जो भी मतभेद हों उसे कार्यालय में बैठकर दूर कर लिया जाएगा।
पिक एंड चूज पर कमिश्नर ने ली क्लास
कार्रवाई के दौरान जेई और मेट अपने-अपने लोगों को बचाने में लगे हुए हैं और कुछ विशेष लोगों के निर्माण को छोड़ रहे हैं। इस बात की शिकायत जब कमिश्नर को मिली तो उन्होंने इस कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी को फोन लगाया और बगैर किसी पक्षपात के कार्रवाई को कहा। कमिश्नर ने बताया कि दो मकान और एक अस्पताल को फिलहाल छोड़ा गया है क्योंकि उन्होंने कंपाउंडिंग का आवेदन कर रखा है।
इन कालोनियों पर हुई कार्रवाई
-जुबेर कालोनी, निकट बजौट गांव
-मोहम्मद राशिद, पीर वाली गली, जामिया रेजीडेंसी के पास
-मोहम्मद जुबैद, बजौट रोड
-मोहम्मद हाशम, निकट मिल्लत होम
-राहुल चौधरी, अफ्फाम, मेहराज की कालोनी, निकट जामिया रेजीडेंसी
-शब्बू कालोनी, जामिया रेजीडेंसी के सामने
-जमील कालोनी
-गुल्लू कालोनी