शिक्षक पर्व पर 75 लाख स्वयंसेवक युवा वेबिनार से जुड़े, खेल मंत्री, रक्षा मंत्री व शिक्षा मंत्री ने किया संबोधित Meerut News
बुधवार को सीबीएसई की ओर से आयोजित वेबिनार में देशभर के 75 लाख से अधिक स्वयंसेवी युवाओं ने हिस्सा लिया। इस बीच खेल मंत्री रक्षा मंत्री व शिक्षा मंत्री मौजूद रहे।
मेरठ, जेएनएन। शिक्षक पर्व के तहत देश के रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री और खेल मंत्री ने एनएसएस, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और उन्नत भारत के स्वयंसेवक युवाओं से नई शिक्षा नीति पर देश को जागरूक करने का आह्वान किया है। इस बाबत बुधवार को सीबीएसई की ओर से आयोजित वेबिनार में देशभर के 75 लाख से अधिक स्वयंसेवी युवाओं ने हिस्सा लिया।
खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में लंबे समय से यह दुविधा लोगों के मन में रही है कि खेलना चाहिए या पढ़ाई करना चाहिए। ऐसा इसलिए भी रहा है क्योंकि हमारी नीति और हमारी सोच में समानता नहीं रही है। पुरानी कहावत है कि, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब। इससे लोगों के मन में खेल को लेकर नकारात्मक सोच डाल दी गई। नई शिक्षा नीति उसी नकारात्मक सोच को दूर कर देश में शिक्षा व खेल की दिशा व दशा बदलेगी। इस कार्यक्रम में 75 लाख स्वयंसेवी यानी वॉलिंटियर हिस्सा ले रहे हैं, जिसे अगले तीन महीने में एक करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है और सभी अपने अपने क्षेत्र में समाज के लोगों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के गुणों की जानकारी देंगे।
बदलेगी शिक्षा की तस्वीर
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा की नई नीति में पूरी स्कूली शिक्षा में एक ढर्रे की पढ़ाई नहीं रह जाएगी। हर स्तर पर बदलती पढ़ाई में बच्चों पर स्ट्रीम में बंधे रहने का बढ़ाव नहीं रहेगा। छठवीं से ही बच्चों को वोकेशनल स्ट्रीम मिलेगा और वह पढ़ाई के साथ ही क्षेत्र का दौरा कर शोध भी कर सकेंगे। उच्च शिक्षा में किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों का समय भी नष्ट नहीं होगा। जितना पढ़ेंगे उसका प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके अलावा नेशनल रिसर्च फाउंडेशन देश में अनुसंधान के नारे को आगे बढ़ाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि महामारी के दौर में तेजी से देश के स्कूलों, छात्रों व परिवारों ने ऑनलाइन शिक्षा को आत्मसात किया है। अभी भी अंतिम बच्चे तक ऑनलाइन शिक्षा के संसाधन नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उसे पहुंचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
पूर्व सैनिक भी देंगे सहयोग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मिडिल और हाई स्कूल से ही स्कूलों को एनसीसी प्रशिक्षण शुरू करने का प्रोत्साहन दिया जायेगा। जिससे सभी बच्चे अनुशासित हो सके। भाषा पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई से बच्चे अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि देशभर के पूर्व सैनिक भी अपने आसपास के स्कूलों में सेवाएं देकर राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सकते हैं।