पिलर फाउंडेशन को 50 कुंतल लोहे का सर्किल जमीन में उतारा
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रैपिड रेल को मोदीपुरम में जमीन पर उतारने का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है। मोदीपुरम के आलू अनुसंधान संस्थान हाईवे किनारे पिलर का फाउंडेशन कार्य मंगलवार से शुरू हो गया।
मेरठ, जेएनएन। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रैपिड रेल को मोदीपुरम में जमीन पर उतारने का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है। मोदीपुरम के आलू अनुसंधान संस्थान हाईवे किनारे पिलर का फाउंडेशन कार्य मंगलवार से शुरू हो गया। इंजीनियरों द्वारा पुल की ड्राइंग के आधार पर पिलर और बनाए जाने हैं, जिसके लिए फाउंडेशन को सबसे पहले तैयार करना है। करीब पचास कुंतल वजनी और सवा मीटर गोल आकार में पतले और मोटे सरियों से बने सर्किल को 30 मीटर जमीन के गड्ढ़ा कर अंदर उतारा गया है। इस दौरान हाईवे के ट्रैफिक को भी रोका गया था।
रैपिड रेल के पिलर और उसके फाउंडेशन का निर्माण कराने के लिए एनसीआरटीसी ने दिल्ली की कांटीनेंटल पारलिक को ठेका दिया है। यह कंपनी मिट्टी की जांच कर उसमें पिलर के लिए लोहे के विशाल और भारी भरकम सर्किल को जमीन में उतारकर निर्माण का काम करेगी। जमीन के अंदर 30 मीटर अंदर तक रोड़ी सीमेंट भी भरा जा रहा है। जिसके बाद तय होगा कि 30 मीटर के अंदर जमीन की ताकत कितनी है, जो इस भारी भरकर पिलर को संभाल सकती है। यहीं नहीं 30 मीटर जमीन के अंदर के अलावा, जमीन के लेबल से 18-20 फिट ऊपर तक पिलर तैयार होगा। उसके बाद पुल का काम होगा। ऐसे में पुल, पिलर, रैपिड रेल का सीधा वजन जमीन के अंदर 30 मीटर गहरे बने फाउंडेशन पर होगा। कंपनी के इंजीनियर लगातार दिन रात इस पर कार्य कर रहे हैं। क्षेत्रवासी भी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य को देखने के लिए हर रोज पहुंच रहे हैं।
इनका कहना है
पिलर तैयार होने से पहले जमीन के अंदर फाउंडेशन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया है। एक लोहे के सर्किल को 30 मीटर जमीन के अंदर उतारकर तैयार किया है। दूसरा सर्किल को बुधवार को जमीन में उतारा जाएगा। टीम दिन रात काम कर रही है।
-राजेंद्र भड़ाना, साइड इंजीनियर-कॉन्टीनेंटल पारलिक कंपनी।