भद्रांजलि छंद से हुआ व्यास समारोह का आगाज
चौ. चरण सिंह विवि के संस्कृत भाषा विभाग की ओर से आयोजित 27वें व्यास समारोह का आयोजन किया गया।
मेरठ : चौ. चरण सिंह विवि के संस्कृत भाषा विभाग की ओर से आयोजित 27वें व्यास समारोह का शुभारंभ शुक्रवार से हो गया। समारोह की शुरुआत औघड़नाथ मंदिर, सेंट जोजफ चर्च और छतरी वाले पीर से निकली यात्राओं से हुई, जो प्यारेलाल शर्मा स्मारक पर एकत्र होकर आगे बढ़ीं। बैंड-बाजे और संस्कृत श्लोकों के साथ यात्रा सूरजकुंड पार्क पहुंची। यहां हवनकुंड से मिट्टी कलश में रखी गई। डा. संतोष कुमारी ने छात्रों को बताया कि यह भीम-दुर्योधन की युद्ध भूमि है। यहां की मिट्टी विजय की सूचक है, इसीलिए यह कलश में रखी जाती है। बाबा मनोहर नाथ मंदिर में अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी विवि की ओर बढ़े।
विवि के मुख्य द्वारा पर कुलपति प्रो. एनके तनेजा व अन्य अतिथियों ने यात्रा का स्वागत किया और संस्कृत विभाग में चल रहे यज्ञ में आहुति देकर कलश स्थापित किया। समारोह की संयोजिका डा. पूनम लखनपाल ने बताया कि समारोह कालीचरण पौराणिक द्वारा दिए गए एक लाख रुपये धनराशि से शुरू हुआ था, जो वर्तमान में कुलपति और संस्कृत प्रेमी लोगों के सहयोग से आगे बढ़ रहा है। मुख्य अतिथि डा. रमाकांत शुक्ल के साथ अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित किया। डा. रमाकांत शुक्ल ने सबसे पहले भद्रांजलि छंद में 18 पद्यों से सुसज्जित कविता का संबंध पुराण और गीता से जोड़ते हुए कहा कि पुराणों की संख्या भी 18 है। गीता में भी 18 अध्याय हैं। उसी प्रकार इस छंदोबद्ध रचना में भी 18 ही पद्य हैं। ओड़िसा से आए डा. विश्वनाथ स्वाइन ने व्यास समारोह में उपस्थिति पर स्वयं को धन्य माना। कुलपति प्रो. तनेजा ने संस्कृत भाषा की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है। वर्तमान में केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है।
संस्कृत श्लोकों में रंग गया मन
शाम के सत्र में डा. दीप्ति बंसल का गायन हुआ। उनका साथ उनकी बेटी मनस्विनी ने दिया। दीप्ति दौलतराम कॉलेज दिल्ली में संगीत गायन की एसोसिएट प्रोफेसर हैं और बनारस घराने की कलाकार हैं। मनस्विनी डीपीएस गाजियाबाद में कक्षा नौवीं की छात्रा हैं। उन्होंने कार्यक्रम में दो घंटे तक संस्कृत श्लोकों से समां बाधा। इनमें गणेश पंचरत्नम श्लोक, शारदा स्तुति, दुर्गा स्तुति, शिव स्तुति, मधुराष्टकम, श्री मृत्युंजयस्त्रोतम आदि की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। हारमोनियम पर महमूद खां और तबले पर महफूज खां ने साथ दिया। इस साल दीप्ति की प्रस्तुति का शीर्षक 'भक्ति' था। समारोह में आज के कार्यक्रम
सुबह 10 बजे : संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता
दोपहर दो बजे : शोध संगोष्ठी
शाम चार बजे : यौगिक बल प्रदर्शन
शाम साढ़े पांच बजे : कवि समवाय