Move to Jagran APP

26 लाख की मशीन में स्वाहा हुई कूडा निस्तारण योजना

भले ही नगर निगम के बोर्ड फंड का खजाना खाली है लेकिन 26 लाख की मशीन खरीदने में अधिकारी जरा भी नहीं हिचकिचाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:14 AM (IST)
26 लाख की मशीन में स्वाहा हुई कूडा निस्तारण योजना
26 लाख की मशीन में स्वाहा हुई कूडा निस्तारण योजना

मेरठ,जेएनएन। भले ही नगर निगम के बोर्ड फंड का खजाना खाली है, लेकिन 26 लाख की मशीन खरीदने में अधिकारी जरा भी नहीं हिचकिचाए। लापरवाही का आलम यह है कि इतनी बड़ी रकम खर्च हो गई, लेकिन प्लाज्मा तकनीक से कूड़े से कितनी राख बनी, इसका निगम के पास कोई रिकार्ड नहीं है।

loksabha election banner

यह दिखाए गए थे सपने

जुलाई माह में बच्चा पार्क रैन बसेरा परिसर में 250 किलोग्राम क्षमता की लो टेम्परेचर डिकम्पोजिशन मशीन का शुभारंभ किया गया था। यह मशीन प्लाज्मा तकनीक पर आधारित है, जो जेवीएस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से 26 लाख में खरीदी गई थी। कंपनी के अधिकारियों का दावा था कि 24 घंटे में 200 किलो कूड़े को लगभग छह किलो (राख)फ्लाई एश में तब्दील कर देगी। बस इसमें रोजाना 100-100 किलो कूड़ा सुबह-शाम डालना होगा। राख ईट बनाने, सड़क और बिल्डिंग निर्माण में प्रयोग की जा सकेगी। निगम अधिकारियों ने इसे प्रदेश का पहला प्रयोग बताया था।

न रिकार्ड बनाया, न कराई जांच

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुए इस प्रयोग को करीब तीन माह बीत गए हैं, लेकिन नगर निगम में इस बात का कोई रिकार्ड नहीं है कि कितना कूड़ा डाला गया और इससे कितनी राख बनी। राख बनी तो उसका उपयोग कहां हुआ। यह बात दीगर है कि निगम अधिकारी प्रतिदिन 150 किलो कूड़ा मशीन में जलाने का मौखिक दावा कर रहे हैं। वहीं, कंपनी के दावे की जांच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कराने की बात कही गई थी, लेकिन यह जांच भी नहीं कराई गई।

----------

वर्जन:--

- मशीन को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए कंपनी ने छह माह के लिए नियमित कर्मचारी देने को कहा था। यह वादा पूरा नहीं किया गया है। इस संबंध में कंपनी को पत्र लिखेंगे। संबंधित क्षेत्र के सफाई निरीक्षक से प्रतिदिन का रिकार्ड रजिस्टर तैयार कराया जाएगा। विभागीय स्तर पर जो कमियां है, उन्हें दूर करेंगे।

डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी। वर्जन:--

कूड़ा निस्तारण का रिकार्ड क्यों नहीं बनाया जा रहा है। इतनी मंहगी मशीन खरीदने की जरूरत क्या थी। जिस कंपनी से खरीदी गई उसने अनुबंध का पालन क्यों नहीं किया। नगर निगम अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी। इस संबंध में शासन को भी लिखा जाएगा।

सुनीता वर्मा, महापौर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.