जिला पंचायत चुनाव लड़ने के लिए मांगी 15 लाख की रंगदारी
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर से दस लाख की रंगदारी मांगने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मेरठ, जेएनएन। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर से दस लाख की रंगदारी मांगने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि जिला पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए रकम एकत्र कर रहे थे। पुलिस तीसरे आरोपित की धरपकड़ को दबिश डाल रही है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों ने एक बार पांच तो दूसरी बार रकम बढ़ाकर 10 लाख की मांग की थी। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर सत्य प्रकाश निगम ने बताया कि 25 दिसंबर तक उन्हें काम पूरा करके देना है। उसके लिए मिट्टी डालने को अतिरिक्त डंपर लगाए हुए थे। भूडबराल वाले अंकुर विकल, पिटू और अंकित लगातार डंपर को रोक कर रंगदारी मांग रहे थे। 15 दिन पहले भी तीनों ने पांच लाख की रकम मांगी थी। रकम नहीं देने पर डंपर रोक दिए थे। उसके बाद पुलिस बुलाकर डंपर चालू कराए। तब भी तीनों ने लगातार परेशान कर दिया। मंगलवार को फिर से तीनों ने दस लाख की रकम मांगी थी। रकम नहीं देने पर डंपर रोकने की धमकी दी। एएसपी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि सत्य प्रकाश निगम की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसके बाद आरोपित अंकुर विकल और पिटू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अंकित की तलाश में दबिश दी जा रही है।
चुनाव लड़ने के लिए मांगी थी रंगदारी : एएसपी ने बताया कि अंकुर विकल और पिटू ने पूछताछ में बताया कि चुनाव लड़ने के लिए रंगदारी मांगी थी। दरअसल, अंकुर विकल इसबार जिला पंचायत का चुनाव लड़ना चाहता था। उसने अपने क्षेत्र में चुनाव के लिए पोस्टर भी लगा दिए है। ऐसे में अंकुर विकल को पता चला कि एनएचएआइ का काम 25 दिसंबर तक पूरा होना है। यदि डंपर रोक दिए गए तो काम पूरा नहीं होगा। ऐसे में एनएचएआइ के अफसर उसे रंगदारी की रकम देगे, जिससे वह चुनाव में खर्च करेगा। अंकुर विकल ने अपने दो दोस्तों को साथ में लिया और एक बार पांच लाख तो दूसरी बार दस लाख की रकम मांगी।
सड़क बनाने का बहना भी बताया था : दो सप्ताह पहले पांच लाख रंगदारी मामले में अंकुर विकल ने पुलिस को बताया था कि डंपर के चलने से गांव की सड़क टूट रही है। ऐसे में एनएचएआइ से पांच लाख की रकम लेकर सड़क बनाना चाहता है। इसलिए पुलिस ने उस बार अंकुर विकल और पिटू को छोड़ दिया था।