42 ईट भट्ठों पर 1.22 करोड़ का जुर्माना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निरंतर कार्रवाई में जुटा है। निरीक्षण और जांच आख्या के बाद जनपद के 42 ईंट भट्ठों पर 1.22 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया गया है। कार्रवाई की जद में आए भट्ठे बिना बोर्ड की सहमति जिग-जैग सेटिग के संचालित किए जा रहे थे जबकि कुछ भट्ठों पूर्व में बंदी के आदेश थे मगर यह भी चालू पाए गए। कार्रवाई होने से भट्ठा स्वामियों में हड़कंप मचा है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निरंतर कार्रवाई में जुटा है। निरीक्षण और जांच आख्या के बाद जनपद के 42 ईंट भट्ठों पर 1.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कार्रवाई की जद में आए भट्ठे बिना बोर्ड की सहमति, जिग-जैग सेटिग के संचालित किए जा रहे थे, जबकि कुछ भट्ठों को पूर्व में बंद करने के आदेश दिए गए थे, मगर जांच में यह भी चालू पाए गए। कार्रवाई से भट्ठा स्वामियों में हड़कंप मचा है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी विवेक राय ने बताया कि उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने एनजीटी के आदेश के बाद जनपद और शामली क्षेत्र के ईंट भट्ठों की जांच की थी, जिसमें भट्ठों पर जिग-जैग सेटिग, प्रदूषण बोर्ड से पर्यावरण सहमति, खनन प्रमाण-पत्र की जांच की गई। लगभग 333 ईंट भट्ठों में से 100 से अधिक जिगजैग सेटिग से संचालित मिले। करीब 100 से ज्यादा ईंट-भट्ठों ने बोर्ड शपथ पत्र देकर अपने चालू वर्ष में सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने का वादा किया है। करीब 42 ईंट भट्ठे जांच में ऐसे पाए गए, जिनमें जिगजैग, पर्यावरण सहमति और खनन अनुमति पत्र नहीं थे। यह भट्ठे गैरकानूनी रूप से चल रहे थे। इनको सुधार का मौका दिया गया, लेकिन यह भट्ठे अपनी कमियां पूरी नहीं कर सके। सोमवार को भट्ठों की जांच आख्या पूर्ण की गई, जिसमें 42 भट्ठे डिफाल्टर श्रेणी में दर्ज किए गए। इन सभी भट्ठों पर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने, मानकों के अनुरूप संचालन नहीं करने और बंदी आदेश के बाद भी चालू रखने पर 1.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर लखनऊ बोर्ड को संस्तुति भेजी गई है।