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घटने लगा तमसा नदी का जलस्तर, मुश्किल बरकरार

मऊ शहर के बीचो-बीच से होकर बहने वाली तमसा नदी के जलस्तर में रविवार को तीन सेंटीमीटर की मामूली गिरावट दर्ज की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 09:56 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 09:56 PM (IST)
घटने लगा तमसा नदी का जलस्तर, मुश्किल बरकरार
घटने लगा तमसा नदी का जलस्तर, मुश्किल बरकरार

जागरण संवाददाता, मऊ : शहर के बीचो-बीच से होकर बहने वाली तमसा नदी के जलस्तर में रविवार को तीन सेंटीमीटर की मामूली गिरावट दर्ज की गई। इस पखवारे पहली बार तमसा के जलस्तर में गिरावट आने से शहर के आधा दर्जन बाढ़ से घिरे मुहल्लों के लोगों को शीघ्र राहत मिलने की उम्मीद जग गई है। रविवार को जलस्तर 66.60 मीटर पर आ गया, जो खतरा बिदु 67.36 मीटर से 76 सेंटीमीटर नीचे है। हालांकि, इससे बईरबग्गा, कोल्हाड़, निषादनगर, साईं की तकिया व ख्वाजाजहांपुर के लोगों की जीवन की दुश्वारियों में कहीं कोई कमी नहीं आई है। बाढ़ का पानी अब भी सैकड़ों लोगों के घरों में घुसा हुआ है और सड़कें पानी में डूबी हैं।

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तमसा की बाढ़ के चलते कई परिवारों के लोगों को ख्वाजाजहांपुर कंपोजिट विद्यालय में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में रहना पड़ रहा है। फसलें डूब जाने से पशुपालन करने वाले लोगों को भीषण चारा संकट से जूझना पड़ रहा है। संपर्क मार्गों के डूबने व एक सप्ताह से अधिक समय से बाढ़ का पानी ठहरा होने से आधा दर्जन मुहल्लों के सैकड़ों छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। अमन मौर्य, आकाश, विनोद एवं अशोक मौर्य ने बताया कि बाढ़ के बीच बिजली गायब होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गीता, प्रमिला, रेनू, मालती आदि महिलाओं ने कहा कि आफिसर कालोनी की तरफ से किसी तरह हरी घास काटकर जानवरों के लिए चारे का प्रबंध किया जा रहा है, ताकि उनकी जीवन रक्षा हो सके। निषाद नगर, बइरबग्गा व साईं की तकिया के लोग बहुत जरूरी होने पर ही प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई नाव से शहर में आ-जा रहे हैं।


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