मतदान में 12 प्रकार के दस्तावेजों का प्रयोग कर सकते हैं मतदाता
जागरण संवाददाता मऊ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता फोटोयुक्त पहच
जागरण संवाददाता, मऊ : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता फोटोयुक्त पहचान पत्र न होने पर एक दर्जन विकल्प को हरी झंडी दे दी है। बिना वोटर आइडी के भी वैकल्पिक फोटो पहचान पत्र से भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। इससे न सिर्फ मतदाता फीसद बढ़ेगा वहीं हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
भारत निर्वाचन आयोग ने वैकल्पिक फोटो पहचान पत्र के लिए इन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसमें आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, बैंकों, डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआइ द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र, राज्य सरकार, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों द्वारा जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, यूनिक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार शामिल हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय के प्रभारी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अजय कुमार गौतम ने कहा कि एपिक के संबंध में लेखन, अशुद्धि, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए। बशर्ते निर्वाचक की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है जो किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किए जाएंगे। बशर्ते उस निर्वाचक का नाम, जहां वह मतदान करने आया, उस मतदान केंद्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। फोटोग्राफ इत्यादि बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तब निर्वाचक को उपरोक्त वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
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वोटर लिस्ट में गड़बड़ी व नाम सही न होने पर विकल्प के रूप में मतदाता 12 दस्तावेजों का इस्तेमाल मतदान के दिन कर सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
-अरुण कुमार, जिलाधिकारी मऊ।