अवैध मिट्टी खनन को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, कार्य रोका
जागरण संवाददाता बोझी (मऊ) दोहरीघाट पंप कैनाल नहर में अवैध रूप से मिट्टी खनन करने का
जागरण संवाददाता, बोझी (मऊ) : दोहरीघाट पंप कैनाल नहर में अवैध रूप से मिट्टी खनन करने का मामला प्रकाश में आया है। वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन निर्माण के लिए बिना किसी आदेश के धड़ाधड़ मिट्टी जेसीबी लगाकर निकाली जा रही थी। इससे लगभग दो किलोमीटर सड़क के बगल का बंधा कमजोर हो गया। यह देख सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए काम को रोक दिया। उधर, सिचाई विभाग ने भी माना कि मिट्टी निकालने के लिए फोरलेन के अधिकारियों ने कोई सूचना नहीं दी थी।
कैलवर गांव निवासी अंगद पटेल, रमेश पटेल, शशिकांत, बांकेलाल, संजय पटेल (प्रधान ग्राम) कैलवर, कलावती, लीलावती, शोभा, रमावती आदि ने दोहरीघाट पंप कैनाल नहर कैलवर गांव के पास मिट्टी निकालने का विरोध करते हुए रोकवा दिया। ग्रामीणों ने बताया कि अपने को फोरलेन सुपरवाइजर बताने वाले नीलेश से पूछने पर कि किसके आदेश से मिट्टी निकलवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश पर मिट्टी निकल रही है। आदेश की कापी मांगने पर बताया कि सिचाई विभाग के अधिकारी को दे दी गई है। वहीं मौके पर मौजूद सिचाई विभाग के जेई चंद्रबली राम ने बताया कि बेड से 40 फीट के अंदर ही सिल्ट की सफाई होती है। जबकि पांच फीट अनर्गल रूप से बंधे का मिट्टी निकाल लिया गया है। वहीं इस बाबत अधिशासी अभियंता सिचाई विरेंद्र पासवान ने बताया कि कोई आदेश नहीं है। चोरी से मिट्टी निकाली जा रही थी।
मुआवजा नहीं मिलने पर रोका फोरलेन निर्माण
दोहरीघाट : वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन निर्माण शाहपुर में हो रहा था। यहां मकान का मुआवजा न मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित थे। सोमवार की सुबह फोरलेन के निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने रोक दिया और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक कार्य नहीं होगा। ग्रामीणों पक्का मकान तोड़ दिया गया है और अब तक मुआवजा नहीं दिया गया। मकान को तोड़ते समय मकान मालिकों ने विरोध किया तो फोरलेन के अधिकारियों ने मुआवजा खाते में भेजने का आश्वासन दिया था लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी खाते में मकान का मुआवजा नहीं आया। विरोध प्रदर्शन में शंभूनाथ यादव, निजामुद्दीन अहमद, सुरेश यादव, मजहर अली, रामबचन, रामाश्रय राय, रामसमुझ शर्मा आदि ग्रामीण उपस्थित थे।