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अंतिम दिन आज, धरातल पर उतरे सिर्फ 50 फीसदी शौचालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का नारा है। प्रधानमंत्री के नारे को मूर्त रूप देने के लिए प्रशासन आए दिन समीक्षा भी करता रहा परंतु इसका असर नीचले स्तर पर नहीं पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 05:51 PM (IST)
अंतिम दिन आज, धरातल पर उतरे सिर्फ 50 फीसदी शौचालय

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का नारा है। प्रधानमंत्री के नारे को मूर्त रूप देने के लिए प्रशासन आए दिन समीक्षा भी करता रहा परंतु इसका असर निचले स्तर पर नहीं पड़ा। वर्तमान में एलओबी यानि लेफ्ट आउट बेसलाइन से वंचित परिवारों का शौचालय बनाया जा रहा है। इसके लिए जिला पंचायत राज विभाग ने शौचालय निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों के खाते में धनराशि भी भेज दी है परंतु ग्राम पंचायतें लापरवाह हैं। शासन द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 30 जून है परंतु अभी तक 50 फीसदी ही शौचालय बनने का सरकारी आंकड़ा है। जिला पंचायत राज विभाग ने मानिटरिग शुरू की तो दर्जनों सचिव लापरवाह मिले। लापरवाहों पर विभाग जल्द ही कार्रवाई कर सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीते दो अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती 2019 पर बेसलाइन 2012 के आधार पर जनपद को 'ओडीएफ' यानि खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद को दो अक्टूबर 2018 को ओडीएफ घोषित करना था। इस दौरान लक्ष्य के सापेक्ष आधे शौचालय ही बन पाए। अधिकतर जनपदों का यह हाल देखते हुए केंद्र सरकार ने तिथि को आगे बढ़ा दिया। हालांकि इस दौरान लोगों को शौचालय निर्माण कराने व व्यवहार परिवर्तन को लेकर जागरूकता अभियान भी चले। अभियान को धता बताने में पूरी मशीनरी जुटी रही। एक-एक दिन में चार से पांच हजार फोटो तक अपलोड किए गए। स्वच्छता मिशन के तहत बेसलाइन के बाहर वाले परिवारों का शौचालय 15 अगस्त 2019 तक पूरा कर लेना था। प्रदेश सरकार ने इसके लिए टाइम लाइन तय कर दिया था। बेसलाइन सर्वे 2012 से बाहर यानि लेफ्ट आउट बेसलाइन परिवारों का शौचालय निर्माण पूरा कर जीयो टैगिग कराने का शासन द्वारा समय निर्धारित कर दिया गया तो अमला खेल पर उतर आया था। मिशन के तहत जनपद में पहले के बने शौचालयों का दूसरी साइड से फोटो अपलोड कर जीयो टैग किया जाने लगा। अब जब एलओबी प्रथम व द्वितीय के बाद एनएलओबी चलाया जा रहा है तो लापरवाही शुरू हो गई। एनएलओबी के सभी शौचालयों के निर्माण के लिए शासन द्वारा 30 जून निर्धारित किया गया था परंतु प्रशासन के कसरत के बावजूद आधे शौचालय ही बन पाए। नंबर गेम--

20,693 - एनएलओबी

16,168 - के खाते में पैसा गया

10,902 - बने शौचालय वर्जन--

एनएलओबी के शौचालय निर्माण के लिए 30 जून निर्धारित था परंतु 50 फीसद ही शौचालय बने हैं। इसमें लापरवाह ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया जा रहा है, जल्द ही लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई होगी।

- घनश्याम सागर, डीपीआरओ।


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