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एक ही परिसर में तीन अस्पताल, फिर भी भटकते हैं मरीज

जागरण संवाददाता बोझी (मऊ) नगर पंचायत अमिला के एक ही परिसर में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पत

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 05:12 PM (IST)
एक ही परिसर में तीन अस्पताल, फिर भी भटकते हैं मरीज
एक ही परिसर में तीन अस्पताल, फिर भी भटकते हैं मरीज

जागरण संवाददाता, बोझी (मऊ) : नगर पंचायत अमिला के एक ही परिसर में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व राजकीय महिला अस्पताल संचालित हैं, फिर भी मरीजों को घोसी से लेकर मऊ तक भटकना पड़ता है। इसमें अमिला के सपूत पं. अलगू राय शास्त्री के प्रयास से इस नगर पंचायत में संचालित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल एवं परिसर स्थित दो अन्य अस्पतालों की स्थिति काफी दयनीय है। इधर, मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर लोग अस्पतालों की दुर्दशा सुधरने की उम्मीद कर रहे हैं।

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यहां तैनात चिकित्सकों के लिए दशकों से जर्जर आवास का नव निर्माण नहीं हो सका है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक मात्र चिकित्सक डा. संजय वर्मा तैनात हैं। उन्हें कोविड ड्यूटी, जेल ड्यूटी और एल टू अस्पताल में ड्यूटी के साथ ही सीएचसी बड़रांव में रात्रिकालीन इमरजेंसी सेवा भी देनी पड़ती है। राजकीय महिला अस्पताल में वर्षों से महिला चिकित्सक की नियुक्ति नहीं है। आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर एक चिकित्सक राजेश कुमार हैं। अक्सर फार्मासिस्टों के बदौलत ही अस्पताल संचालित होता है। अस्पताल ने न बेड है और न कोई पैथोलाजी की सुविधा। शुद्ध पानी का अभाव संग साफ-सफाई की कमी के साथ वार्ड ब्वाय ही नहीं है। स्व. झारखंडेय राय व पंडित अलगू राय शास्त्री की नगर पंचायत, 18 पुरवे के अमिला सहित समीपवर्ती दर्जनों गांवों के नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा तक नहीं है। समाजसेवी देवेंद्र राय, रामप्रवेश राय, पूर्व चेयरमैन अजय कुमार गुप्ता, डा. अलाउद्दीन, योगेंद्रनाथ राय, विपिन राय, प्रधान राजाराम सोनकर आदि ने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।

मधुबन : क्षेत्र के मधुबन-भैरोपुर, सुग्गीचौरी-नकिहहवा, मर्यादपुर-बैरियाडीह, कुतुबपुर-महूई, उंदुरा-बहरामपुर, मधुबन-परसिया जयरामगीरी, अहिरौली-खीरीकोठा मार्ग सहित दर्जनों सड़कें पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गई हैं। इसमें मधुबन-परसिया जयरामगीरी मार्ग के निर्माण के लिए धन भी अवमुक्त हो चुका है। निर्माण के नाम पर मात्र गड्ढ़ा खोदकर काम ठप कर दिया गया है। वहीं अहिरौली-खीरीकोठा बाईपास मार्ग पर आवागमन का भारी दबाव रहता है। मगर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कहें या प्रशासन की बेरुखी, इन सड़कों की जर्जर हालत को देखने के बाद भी इसके निर्माण या मरम्मत की कोई कवायद नहीं होती। इस समय जनपद में मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को देखते हुए प्रशासन द्वारा कोपागंज और परदहा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के साथ ही जनपद मुख्यालय को चमकाया जा रहा है। वहीं, अतिक्रमण हटाने से लेकर कायाकल्प योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।


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