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नर सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं

मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) कस्बे के नाजोपट्टी खैराबाद मोहल्ले में स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित साप्ताहिक सत्संग में रविवार को महात्मा सत्यप्रकाश मुखी ने कहा कि परमपिता परमात्मा का दीदार करने के लिए मानव को सच्चे हृदय की जरूरत है। सच्चे हृदय से तलाशने से ही परमात्मा का दीदार संभव है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 05:57 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 05:57 PM (IST)
नर सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं
नर सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : कस्बे के नाजोपट्टी खैराबाद मोहल्ले में स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को आयोजित साप्ताहिक सत्संग को संबोधित करते हुए महात्मा सत्यप्रकाश मुखी ने कहा कि परमपिता परमात्मा का दीदार करने के लिए मानव को सच्चे हृदय की जरूरत है। ईश्वर को ढूंढने वालों को ईश्वर की महिमा का ज्ञान नहीं है। तभी तो वह मंदिर, गुरुद्वारों मस्जिदों में उन्हें ढूंढते हैं। जबकि ईश्वर हर इंसान के अंदर विद्यमान है। निराकार ब्रह्म की नजरें हर वक्त हमारी हर कार्य प्रणाली पर हैं। हम सोचते हैं कि कोई देख नहीं रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि हमारे द्वारा किया गया कोई भी कार्य छिपा नहीं है। जब इंसान को दुख होता है तो ईश्वर की याद आती है लेकिन जब वह प्रसन्नचित्त होता है, सब कुछ सही होता है। कथा को सुनकर श्रद्धालुओं के आंखें छलछला उठं। इस अवसर पर राहुल गौड़, सुदर्शन प्रसाद, बालवीर, रामाश्रय प्रधान, लाल मुनी, लालू, निर्मला, कलावती, धर्मावती, उर्मिला, विद्यावती, फूला, प्रेमलता ,मनीता, निर्मला देवी, राजेंद्र, राघवेंद्र, नंदलाल, ज्ञानचंद, सुमेर आदि उपस्थित थे।

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