छह वर्ष सेवा के बाद बाहर हुए नलकूप आपरेटर ने उठाए सवाल
सत्यता जो हो पर जल निगम विभाग में बतौर नलकूप आपरेटर वर्ष 2012 से सेवा करने का दावा करने वाला युवक एक तरफ स्थाई नियुक्ति हेतु दर-दर आवेदन प्रेषित कर रहा है
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : सत्यता जो हो पर जल निगम विभाग में बतौर नलकूप आपरेटर वर्ष 2012 से सेवा करने का दावा करने वाला युवक एक तरफ स्थाई नियुक्ति हेतु दर-दर आवेदन प्रेषित कर रहा है तो वहीं जल निगम विभाग उसे कर्मचारी मानने से इंकार कर रहा है। मामला नगर के जल निगम विभाग के पंप संख्या दो से जुड़ा है।
स्थानीय नगर के मदापुर समसपुर निवासी अनुसूचित जनजाति के युवक सुधीर कुमार ने पंप संख्या दो पर वर्ष 2012 से 2018 तक आपरेटर के रूप में सेवारत रहने का दावा किया है। वह प्रमाण के रूप में उपस्थिति पंजिका, लागबुक एवं 22 जून 17 को विभागीय स्टेबलाइजर प्राप्त करने के वाउचर पर स्वयं के हस्ताक्षर किए गए अभिलेख प्रस्तुत करता है। वर्ष 2018 में पद से हटाए जाने की जानकारी देते हुए युवक ने जल निगम के अधिशासी अभियंता से गुहार लगाया। विभाग ने उसे कर्मचारी मानने से इंकार करते हुए कभी भी सुधीर कुमार के नाम के व्यक्ति की किसी भी प्रकार से कोई नियुक्ति न होने का तर्क देते हुए आवेदन निरस्त कर दिया। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना एवं आइजीआरएस के तहत प्रस्तुत प्रकरण का भी विभाग ने उपरोक्त उत्तर देते हुए पल्ला झाड़ लिया। उसने जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, मुख्यसचिव एवं मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक स्थाई नियुक्ति की गुहार लगाया है। उसने अनुसूचित जनजाति आयोग तक अपना प्रकरण उठाया है। बावजूद इसके निराशा ही हाथ लगी है। वर्जन--
प्रकरण संज्ञान में है। सुधीर कुमार नाम का कोई भी पंप आपरेटर कभी घोसी में नियुक्त नहीं रहा है। सुधीर कुमार से नियुक्ति पत्र एवं वेतन भुगतान से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा गया पर वह अब तक दोनों ही साक्ष्य प्रस्तुत न कर सका है। -एमए किदवई अधिशासी अभियंता जल निगम मऊ