तीसरे दिन भी शासनादेश पूरा नहीं उतार सके अफसर
जागरण संवाददाता मऊ जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल के अफसरों पर नाराजगी का असर तीसरे दिन मं
जागरण संवाददाता, मऊ : जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल के अफसरों पर नाराजगी का असर तीसरे दिन मंगलवार को भी कलेक्ट्रेट में देखने को मिला। डीएम ने शासनादेश उतारकर जमा न करने वाले अफसरों को उन्होंने खुद अपने कार्यालय में बैठाकर लिखवाया। पूरा लिखने के बाद ही उन्हें जाने दिया। इसी के साथ शासनादेश की कापी उतारने के बाद काफी बड़ा बंडल तैयार हो गया है। जिलाधिकारी अब इन बंडलों को देखेंगे कि आखिर किन-किन अफसरों ने अपने दायित्व को निभाया है। अगर कहीं से भी कोई लापरवाही मिलती है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में है।
कलेक्ट्रेट सभागार में रविवार को दोपहर में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की विशेषाधिकार समिति के कार्य सभापति व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक शामिल थे। बैठक में सारे अफसरों से प्रदेश उपाध्यक्ष जानकारी ले रहे थे। इस बीच जिला कृषि अधिकारी उमेश गुप्ता से उन्होंने शासनादेश के बारे में पूछा तो वह तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाए थे। इसकी वजह से डीएम नाखुश थे और सभी अफसरों को शासनादेश उतारने व कंठस्थ करने के बाद ही जाने का फरमान जारी किया। रविवार को रात तक अफसर शासनादेश नहीं उतार पाए। सोमवार को भी तमाम अधिकारी कलेक्ट्रेट में बैठकर शासनादेश उतारते रहे। यानी इस दिन भी कई का कार्य पूरा नहीं हो पाया। मंगलवार को कई अधिकारी जब शासनादेश पूरा नहीं उतार पाए तो डीएम ने उन्हें अपने कार्यालय में बैठा लिया। इसके बाद सभी को पूरा शासनादेश उतारकर कापी जमा करने के बाद ही जाने दिया। जिला दिव्यांग अधिकारी रितेश विदल को भी 14 शासनादेश लिखना था। वह भी केवल 12 शासनादेश लिख पाए थे। डीएम ने उन्हें भी कार्यालय में बैठाकर 14 शासनादेश लिखवाने के बाद जाने दिया। डीएम के अनुसार शासनादेश लिखने के बाद अफसरों को अधिकांश बातें याद हो गईं होगी। अब उन्हें हमेशा शासनादेश याद रहेगा। अधिकारी हर बैठक के पहले शासनादेश याद करके आएंगे। जिलाधिकारी के इस पहल की चौतरफा प्रशंसा भी हो रही थी। डीएम ने कहा कि सभी को कलेक्ट्रेट सभागार में रविवार को इसीलिए बैठा दिया गया था कि ताकि इन्हें दायित्वबोध हो सके।