जाड़े में पशुओं का रखें विशेष ध्यान : पशु वैज्ञानिक
जासं मऊ आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि
जासं, मऊ : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के पशुपालन वैज्ञानिक डा. वीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में ठंड काफी पड़ रही है। यदि पशुओं को ठंडी हवा तथा कोहरे से बचाव का समुचित प्रबंध न हो तो वे बीमार पड़ जाते हैं। उनको निमोनिया और बुखार आदि की समस्या हो सकती है। इससे बचाव के लिए पशुओं को खुले स्थान पर रात के समय नहीं बांधे है तथा पशुशाला में खिड़कियों पर टाट के बोरे का प्रबंध अवश्य करें। पशुशाला की फर्श ढलान युक्त होनी चाहिए। ताकि उनका मूत्र बाहर निकल जाए। फर्श पर बिछावन का प्रयोग करना चाहिए। स्वच्छ पानी पिलाना चाहिए। नवजात बच्चों को त्रिपाल या बोरी से ढंककर रखें और इस समय बरसीम के साथ साथ सूखा चारा भी अवश्य मिलाकर खिलाएं। बताया कि इनके आहार में खनिज मिश्रण 40 से 50 ग्राम बड़े पशुओं को और 15 से 20 ग्राम छोटे पशुओं को जरूर दें। साथ ही साथ नमक भी पशुओं को अवश्य खिलाएं और बाह्य परजीवी से बचाव के लिए पशुओं के शरीर पर बाह्य परजीवी नाशक दवा जैसे बुटैक्स, क्लीनर आदि दवाओं का प्रयोग दो एमएल दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर उनके शरीर पर लगाएं। लगभग चार से पांच घंटे बाद उनको स्नान करा दें। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एलसी. वर्मा ने बताया कि पशु बाड़े के बाहर अलाव जलाकर रखें। इससे पशुबाड़े के तापमान को बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखें की अलाव का धुआं पशु बाड़ा में नहीं जाना चाहिए।
टमाटर प्रजाति काशी अमन पौध का किया गया
जागरण संवाददाता, मऊ : कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एलसी वर्मा ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए भोजन में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होनी आवश्यक है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान के मद्देनजर गुरुवार को पोषण वाटिका प्रबंधन पर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के अंतर्गत टमाटर प्रजाति काशी अमन पौध का वितरण किया गया। इसमें जनपद के प्रगतिशील किसान अवनीश कुमार, आदेश यादव, शंभू यादव, राजनाथ राजभर, शिवधारी, अरुण कुमार चौहान, सहित कुल 25 किसान लाभान्वित हुए। केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डा. अंगद प्रसाद ने कहाकि काशी अमन टमाटर की प्रजाति भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी से विकसित हुई है। इसकी मुख्य विशेषता सूखे में भी अच्छा उत्पादन मिलता है। बाढ़ व पाला से प्रतिरोधी है और विटामिन सी की भरपूर मात्रा के साथ इसका स्वाद भी बहुत अच्छा है। इसकी पैदावार लगभग 200 क्विंटल प्रति एकड़ होती है जो किसानों की आमदनी के लिए एक अच्छा स्त्रोत है।