सरयू के जलस्तर में मामूली कमी, कभी भी शुरू हो सकती है कटान
जागरण संवाददाता मऊ सरयू नदी में नेपाल से छोड़ा गया 2.96 लाख क्यूसेक पानी कहर बरपा रहा
जागरण संवाददाता, मऊ : सरयू नदी में नेपाल से छोड़ा गया 2.96 लाख क्यूसेक पानी कहर बरपा रहा है। खतरा बिदु के समीप पहुंच रहा जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। पिछले दिनों नदी के जलस्तर में जहां 25 से 30 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं मंगलवार को मात्र छह सेंटीमीटर तक गिरावट हुई। नदी के बदले रुख से क्षेत्रीय लोगों में दहशत व्याप्त है। दोहरीघाट में नदी की लहरें ऐतिहासिक स्थलों से टकरा रही हैं। ज्यादा खतरा मधुबन के विदटोलिया में बना हुआ है। हालांकि नदी के घटते जलस्तर से लोग बाढ़ की आशंका से राहत तो में हैं लेकिन कटान का खतरा अभी टला नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो हवा बंद है, जैसे ही हवा चलेगी नदी फिर कटान करना शुरू कर देगी। अब अगर विदटोलिया में कटान फिर शुरू हुई तो लगभग एक दर्जन घर नदी के आगोश में होंगे।
मधुबन : सरयू नदी के जलस्तर में घटने-बढ़ने का क्रम जारी है। बीते 24 घंटे में नदी का पानी पांच सेंटीमीटर कम हुआ है। मंगलवार की सुबह मधुबन तहसील क्षेत्र स्थिति हाहानाला पर जलस्तर 64.80 मीटर रहा, जबकि सोमवार की सुबह यह 64.85 मीटर था। यहां खतरा बिदु 66.31 मीटर है। वैसे अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं। वैसे पिछले दो दिनों से कटान रुकी हुई है जो विदटोलिया के लिए एक राहत की बात है। मगर यह राहत कब तक रहेगी, यकीन से कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे विदटोलिया गांव के लोगों का कहना है कि अभी हवा नहीं चल रही है, इसलिए कटान भी रुकी हुई है। मगर हवा के चलने के साथ ही कटान भी शुरू हो जाएगी। इस बीच पिछले 24 घंटों में हुई बारिश से पहले से ही सरयू नदी का दंश झेल रहे लोगों की दिक्कतें और बढ़ गईं। कटान से बेघर हो चुके लोग जो वर्तमान में गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हुए हैं, उनके सामने खुद के साथ अपने पशुओं को भी बचाने की चुनौती बढ़ गई है। उनको चारे का जुगाड़ करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं गांव की सड़कें कीचड़युक्त हो गई हैं। इससे लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।