मोबाइल पर संदेश दिखाएं, गन्ने की तौल कराएं
चीनी मिल ने इस वर्ष भी किसानों को पर्ची मिलने का इंतजार करने की बजाय पर्ची निर्गत होते ही मोबाइल पर पहुंचे संदेश के आधार पर गन्ने की तौल कराने का विकल्प दिया है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : चीनी मिल ने इस वर्ष भी किसानों को पर्ची मिलने का इंतजार करने की बजाय पर्ची निर्गत होते ही मोबाइल पर पहुंचे संदेश के आधार पर गन्ने की तौल कराने का विकल्प दिया है। मिल गेट पर मोबाइल पर आया संदेश भी पर्ची के रूप में मान्य है।
चीनी मिल एवं समिति में कर्मचारियों की कमी एवं लेट लतीफी के चलते समय से किसानों को गन्ना की पर्ची नहीं मिल पा रही है। निर्धारित तिथि के महज एक दिन पूर्व पर्ची मिलने पर किसान आनन-फानन में किसी तरह गन्ना की कटाई कर मिल पर ले आते हैं। इसके चलते बहुधा गन्ना की जड़ की सफाई नहीं हो पाती है और किसान जड़ रहित की बजाय जड़ा सहित गन्ना लेकर आ जाते हैं। इस वर्ष चीनी मिल ने गन्ना की तौल एवं गुणवत्ता को लेकर भी कड़ा रूख अख्तियार किया है। मिल के गन्ना अधिकारी आरएस यादव ने जडयुक्त गन्ना लेकर पहुंची कई ट्रालियों को वापस कर दिया है। कारण यह कि जड़ साफ न होने पर गन्ने का जूस गंदा हो जाता है। लाख सफाई के बाद भी चीनी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने गन्ना किसानों को निर्गत तौल हेतु निर्गत पर्ची पर अंकित तिथि के दिन ही मिल गेट पर गन्ना की आपूर्ति करने को कहा है। स्पष्ट किया कि यदि किसान ने 72 घंटे के भीतर तौल न कराया तो पर्ची निरस्त मानी जाएगी। गन्ना अधिकारी श्री यादव ने प्रचलन से बाहर बोओ 91 और 92423 जैसी प्रजातियों के गन्ने की तौल न किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने इस बार पर्ची पर गन्ने की प्रजाति भी अंकित होने की जानकारी दी है। किसानों की सलाह दी है कि पर्ची पर अंकित प्रजाति का ही गन्ना ले आएं अन्यथा गन्ना लदा वाहन वापस कर दिया जाएगा।