शव दफनाने को लेकर शिया-सुन्नी आमने-सामने
कोपागंज कस्बे में चमनरोड स्थित कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर एक बार फिर शिया व सुन्नी समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए।
जागरण संवाददाता, पुराघाट/ कोपागंज (मऊ) : कोपागंज कस्बे में चमनरोड स्थित कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर एक बार फिर शिया व सुन्नी समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। विवाद बढ़ता देख वहां काफी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई। सीओ घोसी व उपजिलाधिकारी सदर ने काफी जिच के बाद दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर आम सहमति से शव को शाम को दफन करवाया। मामले के स्थायी हल के लिए दोनों पक्षों की 26 फरवरी को बैठक बुलाई गई है।
उक्त कब्रिस्तान को लेकर विवाद वर्षो पुराना है। दोनों पक्ष कब्रिस्तान की जमीन अपनी होने का दावा करता है। रविवार की सुबह शिया समुदाय के किसी व्यक्ति का इंतकाल हो गया। वे शव को लेकर कब्रिस्तान में आए दफनाने के लिए गड्ढा खोदने लगे। इसी बीच सुन्नी कमेटी के लोग आ गए और विरोध करने लगे। मामला उलझता देख किसी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार हमराहियों संग मौके पर पहुंच गए मगर दोनों पक्ष अपनी बातों पर अड़े रहे।मामला सुलझता न देख कुछ समय बाद शिया समुदाय वहां से घर चला गया। सूचना पाकर दोपहर 1.30 बजे सदर एसडीएम डा. अंकुर लाथर, सीओ घोसी आलोक जायसवाल, तहसीलदार मिथिलेश तिवारी भी मौके पर पहुंच गए। दोनों पक्षों के दावों को सुना। एसडीएम ने जब यह कहा कि कैसे यह माना जाय कि किस समुदाय की लाश वहां दफन है। या तो हड्डियों को निकाल कर उसकी डीएनए जांच कराई जाय। इतना कहते ही दोनों समुदायों के लोग एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। सीओ घोसी ने कहा कि दोनों समुदायों की सहमति से अस्थायी शव दफनाने के लिए एक निशानदेही लगा दी जा रही है, अब किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसके बाद अगर किसी ने विवाद किया तो कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। अधिकारियों की देखरेख में गड्ढा खोदा गया। दोनों पक्षों के लोगों को स्थायी समाधान के लिए 26 फरवरी को थाने बुलाया गया।