आरपीएफ ने पढ़ाया शारीरिक दूरी का पाठ
टिकट वापस करने आए लोगों पर पल-पल रखी जा रही नजर - बनाए गए गोले में खड़े होकर क्रम से पहुंचना होगा काउंटर - खिड़की खुलने से बंद होने तक तैनात रह रहे आरपीएफ जवान
जागरण संवाददाता, मऊ : रेलवे की आरक्षण खिड़की पर बिना शारीरिक दूरी के खड़ा होने वालों के खिलाफ रेलवे पुलिस फोर्स के जवानों का रुख सख्त हो गया है। बुधवार को आरपीएफ के जवानों ने टिकट बुकिग कराने या वापस करने आए लोगों को शारीरिक दूरी का ऐसा पाठ पढ़ाया कि कोई गोले से दाएं-बाएं नहीं हुआ। सभी लोग गोले में ही खड़े रहकर क्रम से खिड़की की ओर बढ़ते रहे और उनका टिकट वापस किया जाता रहा। पूरे दिन जब खिड़की पर एक भी बार हंगामा नहीं हुआ तो बुकिग खिड़की पर बैठने वाले रेलवे कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।
रेलवे टिकट खिड़की पर प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ लोग टिकट आरक्षित कराने या पूर्व में लिए गए टिकट को वापस कराने आ रहे हैं। एक ही समय पर सौ-पचास लोगों के पहुंच जाने पर भीड़ लग जा रही है। ऐसे में कुछ लोगों के ध्यान न देने पर शारीरिक दूरी बनाए रखने का नियम टूट जा रहा था। आरपीएफ को बार-बार चिल्लाना पड़ रहा था। वहीं, आरपीएफ के कुछ समय के लिए वहां से हटने पर लोग रेलवे के मुख्य भवन में सीधे घुस जा रहे थे, जिससे सतर्कता बरत रहे लोगों को दिक्कत होती थी और वे तू-तू-मैं-मैं शुरू कर देते थे। बुधवार को आरपीएफ के जवानों ने टिकट खिड़की खुलने से बंद होने तक आरक्षण टिकट घर में अपनी मौजूदगी बनाए रखी। इसका परिणाम यह हुआ कि किसी ने गोले से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं किया। जिसने भी दाएं-बाएं होना चाहा उसे आरपीएफ जवानों ने शारीरिक दूरी का पाठ पढ़ा दिया। आरपीएफ प्रभारी डीके राय ने बताया कि शारीरिक दूरी न बनाने पर सबसे ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा है, इसलिए इसे लेकर सख्ती शुरू कर दी गई है। न मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी जाएगी।