Move to Jagran APP

कई घंटों का इंतजार फिर भी नहीं मिल रहीं बसें

दुश्वारी .. गोरखपुर और बलिया जाने वाले यात्रियों की हो रही फजीहत बस में बैठने की आपाध

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 04:14 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 04:14 PM (IST)
कई घंटों का इंतजार फिर भी नहीं मिल रहीं बसें
कई घंटों का इंतजार फिर भी नहीं मिल रहीं बसें

दुश्वारी ..

loksabha election banner

गोरखपुर और बलिया जाने वाले यात्रियों की हो रही फजीहत, बस में बैठने की आपाधापी में प्रतिदिन जख्मी रहे लोग

- बसों के फेरे बढ़ाए जाने का भी नहीं दिख रहा असर

जागरण संवाददाता, मऊ : यात्रियों की भीड़ के आगे जिले में की गई उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। ज्यादा दुश्वारी गोरखपुर व बलिया रूट के यात्रियों को झेलनी पड़ रही है। कई घंटों के इंतजार के बाद भी बसों के मिलने की कोई गारंटी नहीं रह गई है। आए दिन बसों में चढ़ने की जल्दबाजी में कोई गिर कर घायल हो रहा है तो किसी यात्री के पैर में मोच आ जा रही है। यहां पैसेंजर ट्रेनें चल नहीं रही हैं और बस मिल नहीं रही है। रोडवेज बस स्टेशन में पहुंचे यात्री बेबस होकर रह गए हैं।

रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते बड़ी संख्या में यात्री रोडवेज बस स्टेशन पहुंचे। गोरखपुर और बलिया रूट के लिए जब काफी देर तक बस नहीं मिली तो यात्रियों ने एआरएम पर बस देने के लिए दबाव भी बनाया, लेकिन सभी बसों के रूट पर निकल जाने के कारण प्रबंधन अपनी मजबूरी बताकर खामोश हो गया। यही क्रम सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बना रहा। सबसे बड़ी बात यह है कि जो बसें काशी से गोरखपुर या सोनौली के लिए जा रही हैं, वह खचाखच भरी रह रही हैं। बसें रोडवेज प्रांगण में आ भी रही हैं तो सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए। यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं, यात्रियों को मऊ से गोरखपुर की लगभग तीन घंटे की यात्रा खड़े-खड़े ही पूरी करनी पड़ रही है। मांगलिक आयोजनों के चलते भीड़ ऐसी उमड़ रही है कि बसों के फेरे बढ़ाए जाने के बावजूद यात्रियों को कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

----------------------

वर्जन---

यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। सभी बसों को रूटों पर भेजा जा रहा है। अचानक बड़ी संख्या में यात्रियों के एक ही समय पर आ जाने से समस्या हो जा रही है। प्रत्येक रूट पर दबाव है, इसलिए किसी पर अब बस बढ़ा पाने की क्षमता नहीं है।

- विवेकानंद त्रिपाठी, एआरएम, मऊ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.