आरडीएसएस लगाएगा विद्युत चोरी पर ब्रेक
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा
आरडीएसएस लगाएगा विद्युत चोरी पर ब्रेक
जागरण संवाददाता, मऊ : नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की पहल पर जल्द ही विद्युत चोरी पर पूरी तरह से लगाम लग जाएगा। इसके लिए जल्द ही रिवैंड डिस्ट्रीब्युशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है। यह व्यवस्था लागू होने पर मीटर रीडिंग में चाहकर भी कोई गड़बड़ी नहीं कर पाएगा। बजट के हिसाब से सब लोग बिजली का उपभोग करेंगे और अगर समय से भुगतान नहीं किया तो अपने आप विद्युत आपूर्ति काट दी जाएगी।
आजमगढ़ परिक्षेत्र में कुल 15,00,000 विद्युत उपभोक्ता है। इसमें 6,75000 आजमगढ़, 3.50 लाख मऊ और 4.75 लाख: बलिया के उपभोक्ता शामिल हैं। इसमें से करीब 40 फीसद उपभोक्ता ही बिजली बिल जमा करते हैं। इसके अलावा अन्य विद्युत चोरी करते हैं। इसकी वजह से विद्युत विभाग पूरी वसूली नहीं कर पाता है। विभाग की मानें तो एक दशक से लगातार विद्युत चोरी के खिलाफ अभियान चल रहा है लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। हालात यह है कि जितना बिल जमा होती है, उससे दस गुना ज्यादा विद्युत की खपत हो रही है। यानि करोड़ों रुपये के घाटे में विभाग चल रहा है। विद्युत चोरी रोकने के लिए विभाग ने अब नई पहल की है, ताकि विद्युत चोरी रोकते हुए विभाग को मुनाफे की ओर ले जाया जा सके।
---------------
मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा अलर्ट
स्मार्ट मीटर बिजली चोरी होने से रोकेगा। हर समय बिजली उपभोक्ता की निगरानी की जाएगी। मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगी बिजली अलर्ट दिखाएगा। मीटर रीडिंग में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। इससे उपभोक्ता को भी पूर्ण संतुष्टि मिलेगी। प्रीपेड रिचार्ज की सुविधा से उपभोक्ता अपने बजट में बिजली का उपयोग कर सकेगा। यदि बिल का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बिजली की आपूर्ति अपने आप कट जाएगी और बिल का भुगतान करने के बाद बिजली की आपूर्ति चालू कर दी जाएगी।
-----------------
शासन की तरफ से डीपीआर मांगा गया था। इसे बनाकर भेज दिया गया है। यह व्यवस्था चालू होने में अभी कम से कम दो महीने का समय लगेगा। इसके बाद सभी के घरों में स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर दिया जाएगा। यानी जितनी बिजली चाहिए, उतनी ही बिजली मिलेगी। इसके बाद रिचार्ज करके बिजली व्यवस्था चालू करेगी।
--दिग्विजय सिंह, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय।