इलाज से ज्यादा रेफर होते हैं रानीपुर सीएचसी के मरीज
मऊ देश कोविड-19 के संक्रमण व वैश्विक महामारी का दंश झेल रहा है।
सुनील कुमार श्रीवास्तव, मऊ :
देश कोविड-19 के संक्रमण व वैश्विक महामारी का दंश झेल रहा है। वहीं, तीसरी लहर से भी बचने के लिए व्यापक तैयारी हो रही है। इसके लिए संसाधन की कमी न हो इस बात का पूरा ध्यान रखते हुए सरकार कमियों को दूर करने में लगी है लेकिन रानीपुर सीएचसी का हाल यह है कि यहां आने वाले मरीजों को इलाज से पहले रेफर कर दिया जाता है।
सीएचसी अभी भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। जहां कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण का खतरा बच्चों के लिए ज्यादा बताया जा रहा है, ऐसी स्थिति में भी यहां पर बाल रोग चिकित्सक ही नहीं है, उससे भी बड़ी लापरवाही कि बच्चों के लिए कोई वार्ड तक नहीं है। 87 ग्रामपंचायत और चिरैयाकोट नगरपंचायत का तकरीबन दो लाख 19 हजार लोगों का भार उक्त केंद्र पर है। क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसलिए वर्ष 2014 में सीएचसी की आधारशीला सपा के निवर्तमान विधायक बैद्यनाथ पासवान के द्वारा रखी गई थी। चार वर्ष बाद 2018 में इसका उद्घघाटन भाजपा के वर्तमान विधायक श्रीराम सोनकर ने किया।
शनिवार की सुबह 11 बजे जागरण की टीम सीएचसी पर पहुंची तो वहां चारों तरफ गंदगी का अंबार था। इमरजेंसी कक्ष में डा. अजय कुमार मरीज को परामर्श दे रहे थे। वहां पहुंची मिर्जापुर गांव निवासी सुशीला राजभर व चितविसाव निवासी शीला सिंह ने बताया कि चिकित्सक ने परामर्श के साथ दवा भी दी है। प्रभारी डा. दिनेश कुमार टीकाकरण से लेकर अन्य कक्ष व व्यवस्था को देखते मिले।
ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण और फ्लू से बचने के लिए दवा की किट वितरित हो रही है, जिसमें पांच तरह की दवा शामिल हैं। केंद्र से आशाओं को अबतक 1,200 किट दिया जा चुका है। वहीं, फीजिशियन वीपीएम पूनम सिंह, डीसीपीएम उमैरा खातून, जेएनएम जुगुनू व गीता तथा फार्मासिस्ट भी किट वितरण में लगे थे। कोविड मरीजों व संक्रमितों के परीक्षण के लिए डा. अजय कुमार विश्वकर्मा, डा. इश्तेखार अहमद तथा फार्मासिस्ट आशिष पांडेय तैनात थे। वहीं, केंद्र पर मात्र तीन ही आक्सीजन सिलेंडर थे। एंटीजन व आरटीपीसीआर के लिए लगी थी लाइन
एसएलटी विजय राम तथा एलटी विश्वजीत अपने कक्ष में साढ़े 11 बजे तक एंटीजन सहित आरटीपीसीआर के 24 लोगों की जांच कर चुके थे। दो दर्जन से अधिक लोग जांच के लिए कतार में लगे थे। वहीं दूसरी तरफ संक्रमण से बचाव के लिए 11 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका था, शेष लोग अपने क्रम का इंतजार कर रहे थे।
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चिकित्सकों की कमी होने से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। यहां सर्जन, आंख, कान, नाक, गला, चर्म रोग, महिला चिकित्सक, हड्डी के डाक्टर व बाल रोग चिकित्सक भी नहीं हैं। ऐसे में यहां उक्त रोग से संबंधित जो भी मरीज आते हैं उनको रेफर करना पड़ता है।
- डा. दिनेश कुमार, सीएचसी प्रभारी ----------------------
वर्जन
सीएचसी पर चिकित्सकों की कमी का जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। महामारी से निपटने के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपये आवंटित किया गया है। जिससे संसाधन की आवश्यकता होने पर उसको पूरा किया जाएगा।
- संजय तिवारी, विधायक प्रतिनिधि विधानसभा क्षेत्र मुहम्मदाबाद गोहना