रंभा और शीला के बाद एक दर्जन शिक्षकों पर लटकी तलवार
गोपनीय शिकायतों के आधार पर कई मृतक आश्रित भी हैं जांच के रडार पर - बेसिक शिक्षा विभाग से अब तक 39 फर्जी शिक्षकों कर दिया गया बर्खास्त - विभागीय अधिकारियों ने इसी सप्ताह कुछ और बड़ी कार्रवाइयों के दिए संकेत
जागरण संवाददाता, मऊ : बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कर नौकरी करने वालों के खिलाफ शासन की फांसी लगातार कसती जा रही है। इसी महीने जहां ममता राय के स्थान पर जिले के रतनपुरा शिक्षा क्षेत्र के एक जूनियर स्कूल में रंभा पांडेय नौकरी करते पकड़ी गई, वहीं रानीपुर के सादीपुर में सहायक अध्यापिका शीला की डिग्री फर्जी मिली। दोनों को बर्खास्त करने के बाद विभाग की नजर अब उन एक दर्जन शिक्षकों पर लगी हुई है, जिनकी सत्यापन रिपोर्ट के इसी सप्ताह आने की संभावना है। बीएसए ओपी त्रिपाठी ने बताया कि फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले 39 शिक्षकों को अब तक बर्खास्त कर उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है।
प्रदेश में अनामिका प्रकरण सामने आने के बाद हर जिले में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कर कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध शासन की भृकुटी तन गई है। बड़ी बात यह है कि अब तक चुप्पी साधे लोग भी विभागीय अधिकारियों के मोबाइल पर शिक्षकों के फर्जीवाड़े की गोपनीय शिकायतें करने लगे हैं। विभाग के पास अब तक ऐसे एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की शिकायतें मिल चुकी हैं, जिनके अंक पत्रों का सत्यापन गतिमान है। इनमें से कई मृतक आश्रित भी हैं जो गोपनीय जांच के रडार पर हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि 39 बर्खास्त शिक्षकों के मामले में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा अंकपत्रों में ही सामने आया है। ममता राय के स्थान पर रंभा पांडेय के सहायक अध्यापक के पद पर काम करने का पहला मामला जिले के लिए था। कहा कि अंक पत्रों में भी सबसे ज्यादा गड़बड़ी की शिकायत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से ली गई डिग्रियों में देखने को मिली है। इसलिए संपूर्णानंद विवि से डिग्री लेकर कार्यरत शिक्षकों के अंक पत्रों के रैंडम सत्यापन पर भी विचार किया जा रहा है।