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काला कानून वापस होने तक संघर्ष का एलान

शहीद स्मारक पर बुधवार को एससी-एसटी कानून के विरोध में क्षत्रिय एकता मंच के संयोजकत्व में आयोजित सभा के मंच पर सपा, भाजपा दोनों धुर विरोधी दलों के नेताओं ने एक साथ विरोध का बिगुल फूंका।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 05:55 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:16 PM (IST)
काला कानून वापस होने तक संघर्ष का एलान
काला कानून वापस होने तक संघर्ष का एलान

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय बाजार स्थित शहीद स्मारक पर बुधवार को एससी-एसटी कानून के विरोध में क्षत्रिय एकता मंच के संयोजकत्व में आयोजित सभा के मंच पर सपा व मंच के नेताओं ने एक साथ विरोध का बिगुल फूंका। नेताओं ने इस काला कानून करार देते हुए वापस लेने की मांग की। इसके लिए राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय मांगपत्र तहसील प्रशासन को सौंपा और मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शरद द्विवेदी ने कहा कि हम इस कानून के विरोधी नहीं हैं। बल्कि राजनीतिक रोटी सेकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विपरीत जाकर केंद्र सरकार ने जो संशोधन कानून पास किया है, हम उसके विरोधी हैं। हम इस कानून के होने वाले दुरुपयोग के विरोधी हैं। ऐसे काले कानून को वापस लेते हुए इसमें संशोधन करके प्रावधान लाया जाना चाहिए। अगर इस कानून को दुरुपयोग होता है तो इसके दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास हो। इस कानून के फर्जी तौर पर फंसाए जाने पर अगर पीड़ित दोषमुक्त होता है तो उसको एक करोड़ मुआवजा दिया जाय।

केंद्र सरकार ने 78 प्रतिशत लोगों की भावनाओं को कुचलने का काम किया है।

क्षत्रिय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमाशंकर ¨सह ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि आजाद देश में रहने के बावजूद कुछ राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए काला कानून बनाकर हमें उसमें जकड़ने का काम कर रहे हैं। हमारे ही वोट से सत्ता प्राप्त कर केंद्र सरकार कुछ लोगों के वोट की लालच में पड़कर समाज को जातीय संघर्ष की आग मे झोंकना चाहती है। किसी भी नागरिक को अधिकार है कि उसके विरुद्ध दर्ज होने वाले किसी मुकदमे की जांच में दोषी पाए जाने के बाद उसकी गिरफ्तारी हो लेकिन केंद्र सरकार नागरिकों के इस मौलिक अधिकार को छीना है। इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है। तब तक सर्वसमाज इस संघर्ष को जारी रखने का काम करेंगे।

किसान नेता राकेश ¨सह ने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मंशा के विपरीत जाकर इस सरकार ने जिस काले कानून को लागू किया है। आने वाले चुनाव में खामियाजा भोगना पड़ेगा। भाजपा के डा. आरएन ¨सह, राजेंद्र ¨सह, राजीव गुप्त ने भी एससी-एसटी कानून तथा आरक्षण का विरोध करते हुए अपनी ही सरकार के नीतियों को कटघरे मे खड़ा करने का काम किया और पुरजोर इस कानून का विरोध करने का एलान किया। सपा के कुन्नू उस्मानी, मुन्नू यादव ने भी इस कानून को गलत ठहराते हुए इसके दुरुपयोग की संभावनाओं विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम को देवेंद्र ¨सह, राजेश मिश्र, शिवानंद मल्ल, अश्वनी ¨सह, सुरेंद्र पांडेय, लल्लन ¨सह, रामचीज ¨सह, मिथिलेश ¨सह, शेषनाथ ¨सह, ओमकार ¨सह ने संबोधित किया। अध्यक्षता रवींद्र यादव व संचालन देवेन्द्र ¨सह ने किया।


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