सड़क पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं राहगीर
इस साल हुई मुसलाधार बरसात ने सड़कों की पोल खोल कर रख दिया है। खासतौर से ग्रामीण इलाकों की सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव में अनियमितता की पोल इस बरसात में पूरी तरह से खुल गई। क्योंकि अच्छी बरसात होने के कारण तमाम सड़के जीर्ण-शीर्ण हो गई है। सड़कों पर अब सिर्फ गड्ढ़े ही गड्ढ़े दिखाई देने लगे हैं। इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
जागरण संवाददाता, थलईपुर (मऊ) : इस साल हुई मूसलाधार बरसात ने सड़कों की पोल खोल कर रख दिया है। खासतौर से ग्रामीण इलाकों की सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव में अनियमितता की पोल इस बरसात में पूरी तरह से खुल गई। अच्छी बरसात होने के कारण तमाम सड़के जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं। सड़कों पर अब सिर्फ गड्ढ़े ही गड्ढ़े दिखाई देने लगे हैं। इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
रतनपुरा ब्लाक के हलधरपुर चट्टी से पिलखी होते हुए रतनपुरा को जोड़ने वाली लगभग सात किलोमीटर लंबी सड़क का खस्ताहाल है। खासतौर से कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी वरुणा से ज्यों आगे बढ़ेगें सड़क पर उखड़े कंकड़ राहगीरों के स्वागत में तैयार हैं। पिलखी गांव को पार करने पर स्थिति और बदतर हो गई है। गांव के पूर्वी छोर पर स्थित मंदिर के पास सड़क पानी के दबाव से कट कर आधी रह गई है। जहां से किसी चार पहिया वाहन का गुजरना अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि वहां लगभग छह से आठ फीट गहरी खाई सड़क के दोनों किनारों पर बनी हुई है। इससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है लेकिन विभाग को इसकी कोई सुधि नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि राहगीरों की समस्या से विभाग को क्या लेना देना। वह तो कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है और राहगीर अपनी जान हथेली पर लेकर चलने के लिए बाध्य हैं। इस सड़क से बस्ती, बहरवार, इकबालपुर, पिलखी वरुणा, गोनईपुर आदि गांवों से सैकड़ों राहगीर प्रतिदिन रतनपुरा बाजार विभिन्न कार्यो के सिलसिले में आते-जाते हैं। सड़क की खतरनाक दशा और विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में अत्यंत रोष व्याप्त है।