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272 किसानों के राशन कार्ड बनाने वाले अफसर भी लपेटे में

जागरण संवाददाता मऊ जिले में खेतिहर 272 किसानों के राशन कार्ड बनाने को लेकर जिलाधिका

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 10:15 PM (IST)
272 किसानों के राशन कार्ड बनाने वाले अफसर भी लपेटे में
272 किसानों के राशन कार्ड बनाने वाले अफसर भी लपेटे में

जागरण संवाददाता, मऊ : जिले में खेतिहर 272 किसानों के राशन कार्ड बनाने को लेकर जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल पूरी तरह गंभीर हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि बिना जांच के खेतिहर किसानों का राशन कार्ड कैसे बना दिया गया। ऐसे में पूर्व के डीएसओ व पूर्ति निरीक्षकों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। फिलहाल डीएम के निर्देश पर ब्लाकवार इस तरह के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। अगर पारदर्शी तरीके से जांच की गई तो हजारों किसानों के राशनकार्ड निरस्त कर दिए जाएंगे।

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जनपद के 49 क्रय केंद्रों पर कुल 8585 किसानों ने अपना गेहूं बेचा है। करीब 33121 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदकर 65 करोड़ 40 लाख 84 हजार 953 रुपये का भुगतान किया गया है। इसमें से 272 ऐसे किसान हैं जिनके पास काफी जमीन है। इसमें गेहूं की फसल लहलहाई और इन्होंने कई क्विटल क्रय केंद्रों पर बेचकर लाखों रुपये का भुगतान पाया है। इन सभी किसानों के पास अंत्योदय व पात्र गृहस्थी का कार्ड है। जनपद में कुल नौ ब्लाक व चार तहसील हैं। कुल 3 लाख 80 हजार 450 कार्डधारक हैं। इसमें अंत्योदय कार्डधारकों की संख्या 56,594 है। शेष पात्र गृहस्थी के कार्डधारक हैं। विभाग की मानें तो ग्रामीण क्षेत्र के अंत्योदय कार्ड योजना के लिए पात्रता 15000 रुपये तक की वार्षिक आय मिलने वाले परिवार, वृद्धावस्था पेंशन धारी, छोटे और सीमांत किसान, भूमिहीन खेतिहर मजदूर, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति, निरीक्षक विधवा, ग्रामीण कारीगर या शिल्पकार जैसे कुमार, बुनकर, लोहार, बढ़ई और झुग्गीवासी हैं। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में अंत्योदय कार्डधारकों की पात्रता 15000 रुपये तक की वार्षिक आय मिलने वाले परिवार, झुग्गियों में रहने वाले लोग, दैनिक वेतन भोगी जैसे की रिक्शा चालक, फुटपाथ पर फल और फूल बेचने वाले, घरेलू नौकर, निर्माण श्रमिक विधवा या दिव्यांग, स्नेक चार्मर, रैग पिकर व काबलर हैं। इसी प्रकार पात्र गृहस्थी के लिए अगर व्यक्ति के पास चार पहिया वाहन है। घर में एसी और पांच केवीए या उससे अधिक का जेनरेटर है। परिवार के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लाट या उस पर स्वनिर्मित मकान है। 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पोरेट एरिया का आवासीय फ्लैट है। शस्त्र लाइसेंस होने या परिवार के पास 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पोरेट एरिया का व्यवसायिक स्थान होने पर वह खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर होगा। यानी इनका पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड नहीं बनेगा। इसके बावजूद जिले में इस तरह के लोगों के कार्ड विभागीय मिलीभगत से बना दिए गए।

सभी कार्डधारकों की जांच कराई जाएगी। अपात्रों को हर हाल में गरीबों के लिए चलाई जा रही इस योजना से दूर किया जाएगा। खासकर खेतिहर किसानों की खतौनी का आंकलन कर उनका राशनकार्ड जारी किया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

-अमित सिंह बंसल, जिलाधिकारी मऊ।


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