अब हर राजस्व गांव में होगा ठोस कचरे का प्रबंधन
गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के बाद अब स्वच्छ भारत मिशन अभिया
जागरण संवाददाता, मऊ : गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के बाद अब स्वच्छ भारत मिशन अभियान फेज-दो 'मेरा गांव-स्वच्छ गांव' लागू किया गया है। इसमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य होंगे। शासन के आदेश पर 10 दिनों तक चलने वाले अभियान में ग्राम पंचायतों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। इसके चलते अभी तक मात्र 50 गांवों में ही अभियान की शुरूआत हो पाई है।
मेरा गांव-स्वच्छ गांव अभियान के तहत प्रत्येक राजस्व गांवों में ठोस कचरे का प्रबंधन करने के लिए कंपोस्ट पिट एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोख्ता गड्ढा, डब्ल्यू एसपी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण किजल सिंह ने चार जून को सभी जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी किया है। निदेशक ने पत्र में लिखा है कि ग्राम पंचायतों के प्रत्येक राजस्व गांव में कम से कम दो सामुदायिक कंपोस्ट गड्ढे एवं सोख्ता गड्ढों की खोदाई तत्काल जेसीबी से कराकर जितने भी कचरे के ढ़ेर आबादी या आबादी के आसपास हैं, उनका कचरा ट्रैक्टर के माध्यम से उठवाकर कंपोस्ट गड्ढों में डालकर उसका समुचित प्रबंधन किया जाए। साथ ही घरों से तालाबों तक जाने वाली निकासी नालियां यदि कचरे से भरी हैं या चोक हैं तो तत्काल इसे साफ कराया जाए। निर्देशित किया है कि किसी भी दशा में गांवों में कहीं कचरा न जमा हो और नहीं नालियों में गंदगी रहे। बारिश के पूर्व सभी इंतजाम मुकम्मल कर लिए जाएं। मिशन निदेशक के आदेश के क्रम में सभी एडीओ पंचायतों व ग्राम सचिवों को निर्देशित कर दिया गया है। हालांकि अभी तक अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। एडीओ पंचायतों के माध्यम से इसकी मानीटरिग की जा रही है। लापरवाहों पर कार्रवाई होगी।
- घनश्याम सागर, डीपीआरओ।