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यह सांस्कृतिक उत्सव का आरंभ है

जागरण संवाददाता मऊ जिला प्रशासन के सानिध्य में पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से डीसीएएसके

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 07:21 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 07:21 PM (IST)
यह सांस्कृतिक उत्सव का आरंभ है
यह सांस्कृतिक उत्सव का आरंभ है

जागरण संवाददाता, मऊ : जिला प्रशासन के सानिध्य में पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से डीसीएएसके पीजी कालेज में आयोजित द्वितीय पुस्तक मेले के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने कहा कि यह पुस्तक मेले का समापन नहीं बल्कि सांस्कृतिक उत्सव का आरंभ है। मेले में प्रतिदिन भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों को पर्यावरण साहित्य से पुरस्कृत करने का उद्देश्य पर्यावरण शिक्षा को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना है।

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अध्यक्षता करते हुए डीएफओ संजय विश्वाल ने कहा कि आज का थीम जीवन के रंग प्रकृति के संग पर्यावरण शिक्षा के प्रवाह को ज्ञान के मंदिरों तक पहुंचाना है। पर्यावरण अंक प्राप्ति का विषय नहीं जीवन जीने का संस्कार है। कालेज की प्रोफेसर डा. रूचिका मिश्रा ने कहा कि धरती हमारी मां है जो हमारी सभी जरूरतों को पूरा करती है। गांधी जी ने कहा है कि धरती सभी की जरूरतों को पूरा कर सकती है परंतु उसके लालच को नहीं। इसलिए हमें प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डा. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि डिजीटल दुनिया में किताबों की स्थान कभी खत्म नहीं होगा। किताबे सपने दिखाती है, संवाद करती है और सृजन से जोड़ती है। मेले के संयोजक व संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि किताबें नवनिर्माण करती है। बिन पानी सब सून थीम जलवायु परिवर्तन के दौर में विमर्श की मांग करता है। बताया कि मऊ पुस्तक मेला भवानी प्रसाद मिश्र और अनुपम मिश्र की स्मृति को समर्पित है। प्राचार्य डा. एके मिश्रा ने कहा कि पुस्तक मेला हर वर्ष लगता रहेगा। इस विश्वास के साथ हम प्रकाशकों को विदा कर रहे हैं। इस अवसर पर डा. सीपी राय, डा. सर्वेश पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक डा. आरपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक गौतम आदि उपस्थित थे।

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हरिहरपुर घराने के कलाकारों ने बांधा समां

आजमगढ़ के हरिहरपुर घराने के पंडित मोहन मिश्रा और शीतला प्रसाद मिश्रा के साथियों ने जीवन के रंग प्रकृति के संग थीम पर सोहर, कजरी, फाग जैसी विधाओं की मार्मिक प्रस्तुति की। मेले के समन्वयक विकल्प रंजन ने कहा कि पूर्वांचल के युवा लोक राग के धुनों को जीने वाला युवा समाज है। शुरूआत समिति की सचिव रीता रंजन ने कहा कि मऊ पुस्तक मेले में प्रकाशक प्रसन्न होकर जा रहे हैं।

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कई मुद्रकों की पुस्तकों को लोगों ने किया पसंद

पुस्तक मेले में कई मुद्रकों की पुस्तकों को लोगों ने पसंद किया और खरीदारी की। उत्कर्ष प्रकाशन कानपुर की तरफ से लगाए गए स्टाल की तरफ लोगों का ज्यादा ही आकर्षण दिखा। इसके अलावा अन्य स्टाल पर भी लोगों की भीड़ लगी रही।


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